इश्क़ पर चर्चा
इश्क़ पर चर्चा
कभी चाय पर घर बुलाया होता
तो लगता कि मोहब्बत है
ये तुम्हारे कार्यालय मैं मिलना
मुझे किसी विषयगत
बैठक जैसा लगता है।
कभी चाय पर घर बुलाया होता
तो लगता कि मोहब्बत है
ये तुम्हारे कार्यालय मैं मिलना
मुझे किसी विषयगत
बैठक जैसा लगता है।