दिल की बातें
दिल की बातें
अपनी अपनी दुनिया में
सब खुश तो है
अपने अपने मोबाइल से
बाते करते है सब गेम खेलते हैं।
ऑनलाइन की दुनिया में मस्त है
पर उनको देख उनके घर के लोग
सब नाराज़ हो जाते हैं
उनको लगता है कि उनको
नजर अंदाज कर रहे हैं हम।
इस लिए थोड़ी सी चिंता थोड़ा सा
वक्त उनके लिए भी जरूरी है
सामने भी जो रहते हैं घर के
वो भी हफ़्तों तक नजर नहीं आते।
वक्त नहीं किसी के पास रहा अब
हर कोई ऑनलाइन पर बिजी है
हो जाता है जो आमना सामना तो
हेलो हाई हो जाती है पल दो पल की
बातचीत हो जाती है।
दूर के रिश्ते तो ईश्वर भरोसे रह गए
जब मिलेगी दस दिन की छुट्टी तो
मिलने आ जाएंगे या फिर शादी ब्याह
या मैयत पर एक दूजे से मिल लेंगे।
थोड़ा थोड़ा सा हाले दिल लिखते
जा रहे है हम
कोई कवि या लेखक नहीं बनना मुझे
ना ही नाम कमाने की कोई कामना।
ना ही धन दौलत की चाह रही दिल में
थोड़ा सा वक्त चुराते है सब से छिपकर
अपना हाले दिल बयान करने को
कल को हो गए हम जो मशहूर
खुशी तो होगी हमको भी पर जाने
अपनों की प्रतिक्रिया क्या हो,
ये सोचकर भी डर जाते हैं।