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Pushpindra Bhandari

Drama

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Pushpindra Bhandari

Drama

मैं - - -केकैयी

मैं - - -केकैयी

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अपने पुत्र से प्रेम, अपराध तो नहीं,

फिर क्यों मेरे अपने जाए ने

मुझे माँ कहलाने के अधिकार से

कर दिया वंचित !


मैं .... केकैयी,

राजा अश्वपति की पुत्री

सात भाइयों की इकलौती बहन ...

अयोध्या नरेश दशरथ की एक पत्नी।


कोई ऐसी वैसी पत्नी नहीं

हर युद्ध में उनके साथ थी मैं,

अपना सारा जीवन केवल

पति और पुत्र के लिए समर्पित किया।


मेरे पिता को वचन दिया था राजा जी ने

मुझ से ब्याह करने से पहले

मेरा ही पुत्र राजा बनेगा ....


मैंने तो कभी उन की पत्नियों से

कोई सौतिया डाह नहीं किया,

राम और लक्ष्मण को भी

भरपूर स्नेह दिया मैंने।


राजगद्दी तो एक ही पुत्र

के हिस्से में आ सकती थी न,

तो मैंने अपनाया

साम, दाम, दण्ड और भेद

सब अपने पुत्र के लिए.....


पर मैं खलनायिका कैसे हुई !

मैं तो केवल माँ थी, बस...माँ

वही चाहा अपने पुत्र के लिए

जो किसी भी माँ की चाहत होगी,


फिर मुझे दोषी क्यों माना जाता है ?

यकीनन मैं नहीं जानती थी

क्या होगा, राजा जी का

या मेरा ही पुत्र मुझे

कटघरे में खड़ा कर देगा।


इतिहास ने भी लांछित ही किया

और समझा तो मुझे

किसी स्त्री ने भी नहीं,


आज तक कभी सुना

किसी ने अपनी

पुत्री का नाम रखा हो केकैयी।।


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