कुछ दिलचस्प बातें
कुछ दिलचस्प बातें
खुद की नजरों में उठना है तो,
लोगों को नजर अंदाज करना सीख लो।
दुवाओं में माँगा था हमने एक अजनबी की चाहत,
उस खुदा ने अपनी मोहब्बत दान में दे दी।
वक्त वक्त की बात है जनाब,
बदलना तो इसकी फितरत है।
आज फिर हम जिंदगी की सफर में
निकल पड़े पर रास्ते बदल गए।
जिंदगी के गम ने हमें उस दर पर ला फेंका
जहाँ आज तक खुशियों से मुलाकात ना हुई।
दास्तान-ए-इश्क की तलाश में निकले थे
और देखो आज तक भटक ही रहे हैं।
प्यार तब भी था और प्यार अब भी है
बस फर्क इतना है कि तब औरों से था,
अब खुद ही से हैं।
जिंदगी ने भी खूब तमाशा बनाया मेरा,
तभी तो लोग तालियाँ बजा रहे थे।
जितना लोगों के शब्दों ने नहीं सिखाया
उतना तो मुझे मेरी खामोशियों ने सिखाया है।
खुशियाँ भी मनाते हैं,
गम भी मनाते है,
कहाँ को चले जाने कहाँ पहुँच जाते हैं।
गालिब ने पूछा
हमें प्यार पर भरोसा क्यो नहीं है ?
हमने जिंदगी के कुछ पन्नों को पलटा
और देखा कोई वजह भी नहीं है।
सपने बड़े देखों,
छोटी तो लोगों की सोच भी हैं।
जाने कितने घाव पड़े रह गए
और मरहम की इंतजार में मर हम गए।
एक तूफान आया था,
मैं तो किसी तरह बच गई पर कंबख्त
सपनों को बहा कर ले गया।
हम दुनिया में प्यार तलाशते रहे
पर यहाँ तो सिर्फ दिखावा बसता है,
जान तुझपर यूँ लुटा देंगे,
ये तो हर कोई कहने के लिए कहता है।
ऐ जिंदगी हम भी तेरी राहों के मुसाफिर है,
कभी हमें भी किसी हम दर्द से मिला दे।
जहाँ प्यार का आईना हम भी देखें
और कोई हमारी असलियत का सिला दें।
भरी महफिल में पूछा हमसे
कि गीत और संगीत में क्या फर्क है,
हमने भी कह दिया जो दिल से निकले वो गीत
और जो टूटे दिल से निकले वो संगीत है।
खुशियाँ मेरा पता पूछ रहीं थी,
दुनिया वालों ने उसे लापता कर दिया।
वो हमेशा जताते थे कि उन्हें चोट नहीं लगती,
फिर क्या हमने उन्हें नजरों से गिरा दिया।
मेरी खामोशियों को एक दिन
शोर करने का मन हुआ तो
मैंने उन्हें पुरानी तस्वीरें दिखा दी,
उस दिन से खामोशियों ने आवाज नहीं उठाया।
जिंदगी क्या है ?
हा ! शायद अधूरी दास्तां हैं।
जिंदगी का फलसफा बड़ा ही अजीब है,
वो ठोकर देती रही
और हमने चलना सीख लिया।
हाथों की लकीरों को देखकर
लोग तकदीर की खोज करते हैं,
जिनके हाथ नहीं होते वो तो
बिना लकीरों के मौज करते हैं।
जिद नहीं है किसी और को पाने की,
सपने काफी हैं हमें तड़पाने के लिए।
कल जिंदगी बुला रही थी,
कहा कुछ अधूरा छूट गया है।
मैंने कहा कि छूटा कुछ नहीं
बस सपना टूट गया है।