एक हैं हम !
एक हैं हम !
हिन्दू-मुसलमान-सिख-ईसाई-जैन-बौद्ध
सब हैं भारतवासी
फिर कैसा ये भेदभाव,
कैसी ये रंजिश कभी-कभी ...?
क्यों नहीं हम ऐसा भारतवर्ष का
पुनर्निर्माण करें, जिसमें सब
धैर्यशील हों, किसी से कोई
खुन्नस न हो...
सबसे मिलकर रहें और
सबको इस विश्व की
सर्वांगीण उन्नति हेतु
अपनी सांझेदारी का
सफल परिचय दें...
चलो, हम सब एक सूत्र में
बंधकर इस राष्ट्र का जीर्णोद्धार करें...!
चलो, हम एक नई दिशा में
अपनी सोच और विचारों का
सम्यक आदान-प्रदान करें ...!
