जी ले
जी ले
हर कोई यहाँ, है जी रहा,
अपने ही, धुन में ज़िन्दगी।
समेट रहा वो, जो हो सके,
आशियाने, उसने, जो हैं बुनी।
दौड़ कैसी यह, जो चले,
कि रुकना भी, गवारा नहीं।
मसरूफ़ हो, जो आप में,
तो होश भी, ना नजारों की।
पल पल छूट, रहे हैं जो,
मिलेंगे नहीं, दुबारा कहीं।
आज हो, यहाँ पर ज़रूर,
कल का, ना भरोसा कभी।
थम जा ज़रा, तू सांस ले,
इस पल में, तू घुल ज़रा।
साथ तेरे हैं, और भी,
सुन कुदरत की, धुन ज़रा।
हाथ बढ़ा तू, साथ दे,
बाँट किसी के, गम कभी।
प्यार बढ़े जो, प्यार से,
हो खुश, तू भी, प्यार दे।
खफ़ा ना हो, तेरा कोई,
टाल ना तू, तमन्ना कोई।
साथ टूटे, तो बांधना पड़े,
गम के झोंके, तो बाँट ले।
जिंदा है तू, आज यहीं,
पल है यह, तुझे जीना अभी।
कल का इंतज़ार, क्यूँ तू करे,
जो करना है, वो कर अभी।