जान लुटा दें
जान लुटा दें
वक्त आने पर जान लुटा दें
पिछे मुड़कर कभी न देखें
दुश्मनों के छक्के छुड़ा दें
जान दे दें हिंदुस्तान पर
आंख उठाकर कोई जो देखें
चीर दें सीना पलभर में
वीर जवान हैं हम मां के
झुकने न देंगें सर हिंदूस्तान का
सर कलम हम कर देते हैं
सर जो दुश्मनों का उठ जाता है
लहु वहां पर बह जाता है
घुसपैठियों को भी सबक सिखाकर
विजय पताका फहराएंगे
अपने हिंदुस्तान की खातिर
जान की बाजी लगा दें
वक्त आने पर जान लुटा दें।
