प्रेम दीवानी
प्रेम दीवानी
तुम्हारे प्रेम में दीवानी
बन फिरती हूँ
साथ तुम्हारे ही तो
ख़्वाब कई बुनती हूँ
होठों पर हर पल तेरे ही
गीत गुनगुनाती हूँ
शिकवे शिकायत भी भले ही
तुमसे कर लूं जितनी
पर सच है साजन
तेरे लिए ही जीती हूँ
हर सुख हर दुख में साजन
साथ तेरे ही चलती हूँ
मेरे लिए तो सबसे
अनमोल है तू
अब और कुछ नहीं
मैं चाहती हूँ
तेरे संग रहे जिंदगानी बस
यही दुआ हर पल करती हूँ
साजन सुहागन रहूँ सदा
बस प्यार तेरा पाती रहूँ
सातों जन्म तुझ से प्यार जताती रहूँ

