सुख दुःख का चक्र
सुख दुःख का चक्र
सुख दुःख का चक्र जीवनरूपी
चक्की का एक अभिन्न भाग है
एक के बाद एक चक्र आजीवन
हमें पीसकर घूमता रहता है
दुःख में हम बिखर जाते है
पर कुछ सीख जरूर मिलती है
स्वयं का स्वयं से साक्षात्कार ही
स्थायी सुख का उपाय है।
सुख दुःख का चक्र जीवनरूपी
चक्की का एक अभिन्न भाग है
एक के बाद एक चक्र आजीवन
हमें पीसकर घूमता रहता है
दुःख में हम बिखर जाते है
पर कुछ सीख जरूर मिलती है
स्वयं का स्वयं से साक्षात्कार ही
स्थायी सुख का उपाय है।