प्यार के एहसास
प्यार के एहसास
वो हमको लिखे ना लिखे,
हम रोज लिखते हैं उस पर कविता|
उसे मेरे दिल का हाल पता हो ना हो,
हमको उसके दिल की पल पल खबर|
वो हमको याद करे ना करे कभी,
हम उनको हर पल याद करते हैं|
वो हमसे प्यार करे ना करे उनकी मर्जी,
हम उनको दिलो जान से चाहते हैं|
दिल तुझे क्यों पुकारता है बार-बार,
तुझसे जुदा हुए हमको जमाना हो गया|
पास नहीं मेरे तू फिर भी आस पास है,
मेरा नहीं तू फिर भी अपना-सा क्यों है|
ये हवाएँ, ये फिज़ाएँ क्यों तेरा संदेशा दे जाती हैं;
आते जाते तेरे होने का एहसास करा जाती हैं|
मिलेंगे कि नहीं फिर कभी तुझसे हम,
तुझसे मिलने का हमको एहसास करा जाती हैं|