भले लोग
भले लोग
मुलाकात होती है जिंदगी में,
कभी-कभी भले लोगों से।
कुछ स्वार्थी मिलते हैं तो कहीं,
मुलाकात होती है लुटेरों से।।
पहचान होती है जिंदगी में,
ऐसे हजारों भले लोगों से।
जो सुकून अपने नहीं दे पाते,
वह मिलता है उन भले लोगों से।।
जो केवल सभी की सुनता हो,
वही तो है..........भला आदमी।
जो नहीं सुनता किसी की,
उस से तो परेशान है अंबर-जमीं।।
जिन्हें वक्त नहीं मिलता था बात करने का,
वही मतलब के लिए याद करते हैं।
जिनको वह कल व्यर्थ समझते थे,
आज उन्हीं पर अपना वक्त बर्बाद करते हैं।।