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आज़ाद व्यर्थ गिरफ़्त भले फिर सुकून करीब जीवन बर्बाद रुकना नहीं मुझे भले यां छाँव घनी है दरिया ओढ दुशाला याद मौत खोमोशी का माथा मैं तुम्हें पहचान मुलाकात आगोश अच्छी कविता तपिश

Hindi भले Poems