बंधन प्यार का
बंधन प्यार का
आईना कम देखा करो
नज़र तुम्हें लग जायेगी,
थोड़ा कम इतराया करो।
तुम दर्पण बन जाना
जब मैं सजने लगूँ,
तुम सामने आ जाना।
पैरों की पायल को,
जग बैरी सुन लेगा,
हौले से छनकाओ
तुम पायल बन जाना।
जब मैं चलने लगू,
धीरे से बज जाना
तेरे हाथो की चूड़ियां है
इनकी खनखन में
मेरी बसती दुनिया है।
तुम कंगना बन जाना
चूड़ियों के संग संग तुम
मेरे हाथों में बस जाना
तुम सज के जो आती हो।
मेरी सुनी दुनिया को
आकर महकाती हो
मेरी प्रीत तुम्हीं से है
सजना संवरना क्या।
मेरी सांसें तुमसे है
ये बंधन है प्यारा
बंधे रहे इसमें हम
चाहे छूट जाए जग सारा।