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Manu Sweta

Romance

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Manu Sweta

Romance

एक शाम

एक शाम

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एक सुरमई शाम चलो तुम्हारे नाम करते हैं।

आओ खूबसूरत सा ये भी काम करते हैं।

तमाम उम्र गुजरी तेरी गलियों में अक्सर

उन्ही गलियों में ज़िन्दगी की शाम करते हैं।

तुम ठहरी तो मैं भी ठहर गया उसी जगह

उसी मोड़ पर झुककर तेरा एहतराम करते हैं।

तुम पुकारोगी कही से मुझको शायद

यही फरियाद अब हम सुबहो शाम करते हैं।

तेरी यादो के सिवा मेरी दौलत ही क्या हैं

इसी की पहरेदारी का अब यही काम करते हैं

कोई मुख़्तसर सी वजह तो दो तुम्हे भूलने की

आज भी तेरे सजदे में हम सलाम करते हैं।


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