ज़िन्दगी एक जंग है
ज़िन्दगी एक जंग है
ज़िन्दगी की जो ये जंग है
उसके कितने रंग है
मैं हारुंगी नहीं
देख ऊपर वाला भी दंग है ।
तू लाख मुश्किलें लाता जा
और बस देखता जा
साँसे मुट्ठी में
और हौसला बुलंद है ।
ये तेरी बार-बार की साजिशों से
दिल डरता नहीं है
शरीर थकता है सही
पर आत्मा थकती नहीं है ।
तो मांगूंगी नहीं
कुछ और तुझसे
हाँ, जीत के हासिल करुँगी
सब कुछ तुझसे ।।