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Sarita Dikshit

Inspirational

4.5  

Sarita Dikshit

Inspirational

वेदना रह जाती है

वेदना रह जाती है

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कुंठित मन की अभिलाषा गर 

पूरी न हो अंतिम क्षण तक

कुछ इच्छाएं हो दबी हुईं

उस जीवन से इस जीवन तक

जब आशाओं की दीवारें

बिन कहे सुने ढह जाती हैं

कुछ शेष नहीं बच जाता है

बस वेदना रह जाती है


प्रेम के पथ पर छल पाकर

कोई बदले की आग जले

भौतिकता के मद में अंधा

कोई अपनों को त्याग चले 

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बेमानी इच्छाएं अक्सर

बेमानी ही रह जाती हैं 

कुछ शेष नहीं बच जाता है

बस वेदना रह जाती है


ये दुनिया है नश्वर फिर भी

दुनिया को पाने की चाहत

कल तक सब कुछ मिट जाना है

फिर भी इठलाने की चाहत

चाहत पूरी करते-करते 

जब चाहत ही मर जाती है

कुछ शेष नहीं बच जाता है

बस वेदना रह जाती है


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