ज़िंदगी का सफर
ज़िंदगी का सफर
कब ,क्या हो जाए ?कुछ पता नहीं , कैसा है ? यह जिंदगी का सफर !
कभी उठना ,कभी गिरना, कभी टेढ़े- मेढे रास्तों से गुजरता जिंदगी का सफर !
कभी रिश्तों में उलझा, कभी रिश्तों से टूटा, नोक झोंक भरा जिंदगी का सफर !
क्या खोया, क्या पाया?अनेक सवालों के जवाब ढूंढता सा यह जिंदगी का सफर !
छोटी-छोटी पगडंडियों से होते हुए ,हाईवे तक जा पहुंचता है जिंदगी का सफर !
सूनी सड़क पर ,राहें वफ़ा मिल जाये ,थोड़ा सुकून से कट जाये ज़िंदगी का सफर !
अंधेरी गलियों से होते हुए , उजालों की ओर जाता , रहस्यमई सा जिंदगी का सफर !
सफर में मुश्किलें बहुत हैं , रास्ते भी बहुत हैं ,उम्मीदों से चलता है, जिंदगी का सफर !
देखने में हसीन लगता है, चलने में कठिन लगता है, मुश्किलों भरा है यह जिंदगी का सफर !
कब, कौन सफर में शामिल हो जाए ?कब, कौन बिछड जाए ?जज्बातों भरा जिंदगी का सफर !