सोच
सोच
हाथी दौडने लगे तो क्या होगा,
घोड़ा उडने लगे तो क्या होगा,
ये सोचो मेरे यारो कुछ नया हो तो क्या होगा।
सुरज रात को उगे तो क्या होगा,
समंदर सुख जाये तो क्या होगा,
ये सोचो मेरे यारो कुछ नया हो तो क्या होगा।
लंगड़ा चलने लगे तो क्या होगा,
झुगा बोलने लगा तो क्या होगा,
ये सोचो मेरे यारो कुछ नया हो तो क्या होगा।
वक्त वापस आ जाए तो क्या होगा,
समय ठहर जाए तो क्या होगा,
ये सोचो मेरे यारो कुछ नया हो तो क्या होगा।
किसमत पलट जाए तो क्या होगा,
बोले शब्द वापस आए तो क्या होगा,
ये सोचो मेरे यारो कुछ नया हो तो क्या होगा।
ये नहीं सारी उम्र लगादो,
काम ये बहुत कठिन होगा,
ये सोचो मेरे यारो कुछ नया हो तो क्या होगा।
फल की चिंता न करके तुम काम करो,
फल मिठा ही होगा,
बस ये सोचो मेरे यारो कुछ नया हो तो क्या होगा।