ऐसा दो वरदान
ऐसा दो वरदान
मन मंदिर में तेरी सूरत भर के
दया धर्म-कर्म का पाठ पढ़ें हम
तेरे दर में आया सवाली बन के
माँ करता रहे सारा जग गुनगान
*हे मात भवानी हे अम्बे रानी
ऐसा दो वरदान।
शांति प्रेम की ज्योत जला के
भेद-भाव सब मन से मिटा के
करें पूजा अर्चना हम ह्रदय से
बन जाएँ सबके ही बिगड़े काम
*हे मात भवानी हे अम्बे रानी
ऐसा दो वरदान।
कोविड दूर हो शंखनाद कंपन से
चमत्कार हो दैवी शक्ति खेत्री से
दो हमें स्वस्थ जीवनशैली का ज्ञान
विजय पाकर बनें हम सब निष्ठावान
*हे मात भवानी
हे अम्बे रानी ऐसा दो वरदान।
श्रृद्धा भाव से हम हलवा पूड़ी बाँटें
चरण धो मौली बांँध कन्या पूजें
सदा करो तुम माँ बेटी का सम्मान
बनों हर दिन मन से अच्छा इन्सान
हे मात भवानी
हे अम्बे रानी ऐसा दो वरदान।