तू फक्त प्रेम करावं
तू फक्त प्रेम करावं
*पुन्हा पुन्हा नवं येती
जिणं पथात उभारी
तू फक्त प्रेम करावं
प्रेमाचंच जग सारं*
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*राग अन् मत्सरात
नको आंधळं होऊस
तु फक्त प्रेम करावं
शोध लक्ष्य जीतून जिणं*
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*आशेची डोर धरून
स्वप्नाचे पतंग उडूदे
तु फक्त प्रेम करावं
अर्थ मिळेल जीवनाला*
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*अर्चा कर देव भावाला
शांतीमधी आत्मा निवारा
तू फक्त प्रेम करावं
जीवन सार समजण्यास*
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