STORYMIRROR

Priti Dabade

Classics Inspirational

3  

Priti Dabade

Classics Inspirational

संत मुक्ताबाई

संत मुक्ताबाई

1 min
983


बहीण धाकटी। संत मुक्ताबाई।

लडिवाळ होई। ज्ञानोबाची।।१।।


सांभाळी भावंडा। मुखी हरी नाम।

आटपती काम। हुरूपाने।।२।।


भावास बोलता। बाहेरील कोणी।

डोळ्यांतुनी पाणी। निघायचे।।३।।


अंगी गुण तया। स्पष्टवक्तेपणा।

समंजसपणा। सर्वकाळी।।४।।


कवयित्री असे। लाडकी भावांची।

भूमिका आईची। करायची।।५।।


प्रतिभेचे पैलू। जीवनदर्शन।

घडी मग छान। अभंगात।।६।।


ज्ञानेश्वरांसाठी। ताटीचे अभंग।

म्हणण्यात दंग। मुक्ताबाई।।७।।


Rate this content
Log in

Similar marathi poem from Classics