शुभविचारी शुभ येतंच...
शुभविचारी शुभ येतंच...
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*वहिवाट बदलती
येऊ येऊनी गाळ
सुरु तिजला तिथे
मग अडथळ्याचं मार्ग *
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*पार होतं ते पण
संघर्ष सराव सरावानं
मग सवय लागें जिवा
विष पचवाय अनुरूपं*
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*वहिवाट बदलली
लढ लढता एक
संकट जेव्हा सर्वांचं
विसरली जातं धर्म *
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*मानव मानवता खरी म्हणे
मरता दिसू लागें सत्य
श्रीराम सारखं जिणं योग्य
बंधन मर्यादेचं वाईटास खरें *
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*जीव जगते सुखानं
कितीही बदलली वहिवाट
उडी मारून अडथळ्याची
शुभविचारी शुभ येतच...*
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