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Vilas Yadavrao kaklij

Abstract Tragedy Others

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Vilas Yadavrao kaklij

Abstract Tragedy Others

" सागरी लाटा "

" सागरी लाटा "

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सागर किनारी रेती वरती
पहुडता पहा तो स्वप्न धरती

अथांग सागरी पाण्या वरती


स्वप्नाची नाव तरगंते धरती ।

अथांग सागरी रुद्ररूप वरती
अंत कधी किनारी मिळे धरती ।

अथांग सागरी आयु हिंदोळ्यावरती
संपेल कोणत्या क्षणी सोडी धरती ।

अथांग सागरी पडे पाऊस थेंब वरती
क्षणात मिटेल अस्थित्व थेंब धरती ।

अथांग सागरी येते लाटा वरती
पूसून जाता पाऊल खुणा धरती ।

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श्री. काकळीज विलास यादवराव (नांदगाव )


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