मन कोरली
मन कोरली
*मन कोरली
मन स्वार्थानी
दूर झाली जीवां
कोरडं झालं जिणं*
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*प्रेम पाण्यात
पातळी एक
निचरा होतं
गेलं तळाला*
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*असं जवळ
दूर पाहत
दिसतं नाही
कुणी आपलं*
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*आशा करतं
आशा ठेवत
मूल्य कळत
हुर्दय एकांती*
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साद असतं
प्रतिसादानं
हाव करतंच
भावं जुळतं ना
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