ये कैसा प्यार?
ये कैसा प्यार?
जिसका डर था वहीं हुआ गौरी की प्रेगनेंसी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी उसकी समझ में नहीं आ रहा था वो क्या करे। बार बार उसके मन में आत्महत्या का विचार आ रहा था क्या करे क्या ना करें।
आप सोच रहे होंगे प्रेग्नेंसी रिपोर्ट पॉजिटिव आना तो खुशी की बात फिर गौरी ऐसा क्यों सोच रही ?
जी हां खुशी की बात होती अगर गौरी विवाहित होती। इस वक़्त उसकी बलैया ली जा रही होती। मिठाई बांटी जा रही होती पर यहां ऐसा कुछ नहीं क्योंकि एक अविवाहित लड़की का मां बनना कलंक समझा जाता। लड़की को कुलटा , कुलक्षणी और ना जाने कितने नामों से नवाजा जाता ये जानते हुए भी कि इसमें लड़के की भी बराबर की भागीदारी है। यही है हमारे समाज की सच्चाई जहां रेप तक के लिए लड़की को गुनहगार ठहराया जाता है।
गौरी दिल्ली में एक हॉस्टल में रह पढ़ाई करती है। अपने कॉलेज के एक लड़के से वह छह महीने से प्यार करती है। गौरी प्यार को जिंदगी समझती है पर वो लड़का हवस का साधन। पिछले महीने उस लड़के ने एक पार्टी में गौरी की सॉफ्ट ड्रिंक में नशे की दवाई डाल दी थी और नशे में बहक गौरी गलती कर बैठी।
और गौरी का जिस्म हासिल करने बाद उस लड़के का प्यार तो हवा हो गया वो अब गौरी को नजरअंदाज करने लगा। इस महीने पीरियड ना आने पर आज गौरी ने किट ला अपना टेस्ट किया था।
" गौरी क्या हुआ ऐसे क्यों बैठी है सब ठीक है ना !" हॉस्टल की उसकी रूममेट तृप्ति कमरे में आते ही बोली।
" तृप्ति मैं बहुत बड़ी मुसीबत में फंस गई हूं!" गौरी रोते हुए बोली।
" क्या हुआ ऐसा!" तृप्ति चिंतित हो बोली।
गौरी ने उसे सारी बात बता दी और रोने लगी।
" देख गौरी रोने से कुछ नहीं होगा तूने रोहन( जिससे गौरी प्यार करती थी) से बात की ?" तृप्ति सब बात सुनने के बाद बोली।
" हां अभी उसे है कॉल किया था पर उसका कहना है बच्चा गिरा दो, पर तृप्ति ऐसे किसी जीव की हत्या!" गौरी अभी भी रोए जा रही थी।
"पर गौरी रोहन तो तुमसे प्यार करता है!" तृप्ति बोली।
" करता है नहीं था बल्कि करता था भी नहीं उसे जो चाहिए था हासिल हो गया अब मुझसे कोई रिश्ता नहीं रखना चाहता वो!" गौरी रोते हुए बोली।
" ओह तुम्हे उसके खिलाफ एक्शन लेना चाहिए गौरी!"
" नहीं तृप्ति इससे फायदा क्या मेरी, मेरे मां पापा की ही बदनामी होगी अभी मुझे तुम कोई उपाय बताओ वरना सबको पता लग गया तो क्या होगा!" गौरी डरते हुए बोली।
" देख गौरी मेरी एक आंटी हैं जो एन जी ओ से जुड़ी मैं उनसे बात करती हूं!"
अपनी आंटी से बात करने बाद ये निष्कर्ष निकला कि इस साल गौरी प्राइवेट से पढ़ेगी तृप्ति की आंटी के पास नैनीताल में रह ठीक समय पर बच्चे को जन्म दे गौरी वापिस दिल्ली आ जाएगी और उस बच्चे को आंटी अपनी दोस्त के अनाथ आश्रम में दे देंगी।
" पर तृप्ति उस बच्चे का क्या कुसूर जो वो अनाथाश्रम में पलेगा!" गौरी बोली।
" गौरी तुम्हारे और उस बच्चे के लिए यही सही है वैसे भी वहां से उसे गोद दे दिया जाएगा। अगले साल तुम्हारी पढ़ाई पूरी हो जाएगी जॉब में सब भूल जाओगी तुम फिक्र ना करो!" तृप्ति ने गौरी को समझाया और उसके जाने की तैयारी करने लगी।
ठीक आठ महीने बाद गौरी ने एक बेटे को जन्म दिया और एक महीना वहां रह वो वापिस दिल्ली आ गई। हालाकि तृप्ति की आंटी ने गौरी से बोला भी रोहन के खिलाफ केस में साथ देने को पर उसने मना कर दिया बच्चे को दिल पर पत्थर रख गौरी ने आंटी को सौंप दिया था।
" अब तू सब भूल पेपर्स की तैयारी कर !" तृप्ति ने उसे बोला।
आज गौरी की पढ़ाई हो गई और वो मुंबई की एक कंपनी में जॉब करती है उसने अपने परिवार को भी वहां बुलाना चाहा पर वो लोग अपना शहर छोड़ आने को तैयार ना हुए।
" गौरी अब तुम अच्छा कमा रही अब तुम्हे शादी कर लेनी चाहिए !" एक दिन उसके पापा ने फोन पर कहा।
" पापा मैं शादी नहीं करना चाहती अभी और आप मुझसे ज़िद्द भी नहीं करेंगे मैं आप लोगों के लिए बहुत कुछ करना चाहती अभी!" गौरी ने कहा।
" ठीक है बेटा जैसी तेरी इच्छा पर कोई पसंद हो तुझे तो हमे बता देना हमे कोई ऐतराज़ नहीं होगा !" मम्मी ने कहा।
" ठीक है मां !" ये बोल गौरी ने फोन रख दिया।
आज गौरी ने जो चाहा वो हासिल किया पर अतीत की परछाई उसके साथ है अभी भी इसलिए वो शादी नहीं करना चाहती नफरत है उसे पुरुषों से।
रुकिए रुकिए कहानी अभी ख़तम नहीं हुई है दोस्तों।
" हेल्लो आंटी मैं गौरी आपसे मिलना चाहती हूं!" गौरी ने तृप्ति की आंटी को कॉल किया साथ ही तृप्ति जो दिल्ली में ही जॉब करती उसे भी बुलाया।
" आंटी आपका बहुत शुक्रिया तब मुझ पर वो एहसान करने के लिए पर एक एहसान और चाहती मैं !" गौरी नैनीताल आंटी के घर पहुंच हाथ जोड़ बोली।
" बोलो बेटा!"
" आंटी मैं अपने बेटे से मिलना चाहती उसे किसने गोद लिया है!" गौरी ने पूछा।
" बेटा अभी उसे किसी ने गोद नहीं लिया!" आंटी ने बताया।
ये सुन गौरी की आंखों में चमक आ गई और वो अपने बेटे से मिलने पहुंच गई।
वहां उसने अपने ही बच्चे को गोद लेने की इच्छा जताई आंटी की जानकार होने के कारण उसे जल्द ही बच्चा गोद दे दिया गया।
आज गौरी खुश है क्योंकि उसका बच्चा उसके पास है। लेकिन उसने अब खुद ऐसी एन जी ओ से जुड़ने का निश्चय किया जो ऐसी लड़कियों की मदद करती हैं जो इसे हवस के पुजारी प्रेमियों से धोखा खाए होती हैं।
दोस्तों यहां कहानी का अंत सुखद है पर जिंदगी का अंत सुखद हो जरूरी तो नहीं इसलिए सावधान रहो। प्यार करना गलत नहीं लेकिन प्यार पर अंधविश्वास गलत है। गौरी को तृप्ति की आंटी का साथ मिल गया पर सबको नहीं मिलता कितनी लड़कियां आत्महत्या कर लेती कितनो के मां बाप बदनामी के डर से या तो खुद मर जाते या अपनी बेटी को ख़तम कर अपराधी बन जाते। और जिसकी गलती होती उस पर कोई फर्क नहीं पड़ता वो तो दूसरा शिकार तलाशता।
तो खुद को अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए रोहन जैसे सो कॉल्ड प्रेमियों से दूर रहो।
यहां मैं एक बात कहना चाहूंगी हर लड़का गलत नहीं होता पर हर लड़का सही भी नहीं होता।