"वर्तिका के जीवन का सफ़र"
"वर्तिका के जीवन का सफ़र"
दोस्तों ये कहानी एक प्यारी सी मासूम लड़की "वर्तिका" के जीवन से संबंधित हैं। वह अपने जीवन में कितने मुश्किल पलों का सामना करती हैं।
आइए...
आज आप सभी के साथ वर्तिका के जीवन की कहानी साझा करते हैं...
वर्तिका का जन्म एक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था उसके दो भाई भी थे। वर्तिका बहुत ज्यादा बड़ी नहीं थी लेकिन उसकी सोच उसकी उम्र से ज्यादा बड़ी थी सबके लिए उसके मन में बहुत प्यार और सम्मान था।
उसके पिता एक मज़दूर थे लेकिन उनकी एक बुरी आदत वह शराबी थे। वर्तिका इस बात से बहुत परेशान रहती थी क्योंकि उसकी माताजी भी हर समय बीमार रहती थी और पिताजी भी कुछ ज्यादा नहीं कमाते थे।
वह पढ़ाई में बहुत अच्छी थी लेकिन उसकी सबसे बड़ी समस्या थी उसका घर परिवार... वह पढ़ना भी चाहती थी और उसकी इच्छा थी काश वह अपनी पढ़ाई पूरी करके अच्छी सी जॉब लग जाएं लेकिन कहते हैं ना कुछ लोगों के सपने सिर्फ़ सपने बनकर ही रह जाते हैं।
उसने कैसे–जैसे करके अपनी पढ़ाई तो पूरी कर ली सरकारी स्कूल और कॉलेज से लेकिन अब समय आया वह जॉब की तैयारी कैसे करें?
उसकी चिंता और ज्यादा बढ़ गई उसके पास जैसे घर में आता जाता कोई व्यक्ति पैसे देता या फिर उसके पिताजी उसे कभी कुछ पैसे देते तो वह उन्हें ख़र्च नहीं करती थी।
कुछ समय बाद उसने एक कोचिंग ज्वॉइन कर ली लेकिन उसके सामने फिर वही समस्या कोचिंग की फीस कैसे जमा करवाएं?
उसने अपने परिवार की हालत के बारे में शिक्षक को बताया। शिक्षक ने उसकी घर परिवार की हालत के बारे में सुनकर वर्तिका से कहा.... तुम अपनी तैयारी जारी रखो तुमसे जितने पैसे बन पाएं तुम उतनी फीस जमा करवा देना। वर्तिका बहुत खुश हो गई और वह अपनी पढ़ाई की तैयारी करने लगी।
उसी कोचिंग में एक और शिक्षक था "राहुल"जो वर्तिका का हमउम्र ही था वह वहां ख़ुद भी जॉब की तैयारी कर रहा था और जब समय मिलता था तब वह पढ़ाता भी था। इस दौरान वर्तिका और राहुल की दोस्ती हो जाती हैं।
वर्तिका राहुल के साथ बहुत खुश रहती हैं और पढ़ाई भी करती रहती हैं। धीरे–धीरे दोनों की दोस्ती प्यार में बदल जाती हैं।
वर्तिका और राहुल दोनों अलग–अलग जाति के थे लेकिन उनके मन की ख्वाहिश थी शादी करने की। उन दोनों ने शादी का फैसला किया लेकिन वर्तिका ने अपने घर परिवार के बारे में बताया तो राहुल ने कहा...सब कुछ मैं देख लूंगा पर मेरी एक छोटी सी ख्वाहिश हैं कि जब तक मेरी जॉब नहीं लग जाती हैं तुम्हें शादी का इंतजार करना होगा।
वर्तिका ने कहा कि...ठीक हैं मैं तैयार हूं।
वर्तिका के घर हर रोज कोई ना कोई रिश्ता लेकर आता लेकिन वह हमेशा मना कर देती। राहुल को जॉब की तैयारी करते हुए काफ़ी समय हो गया था अब दोनों के मन में थोड़ा डर भी आने लगा ना जाने और कितना इंतजार करना पड़ेगा.... लेकिन राहुल ने अपना धैर्य बनाए रखा और उसे सफलता मिली उसकी बहुत अच्छी गवर्मेंट जॉब लग गई। दोनों बहुत खुश थे लेकिन वर्तिका को स्वास्थ्य संबंधित कोई बीमारी हो जाती हैं... घर वाले इतने समर्थ नहीं थे कि उसका इलाज़ करवा सके तो राहुल ख़ुद सारा खर्च उठाता हैं और उसका इलाज़ करवाता हैं।
अब वर्तिका काफ़ी हद तक ठीक हो चुकी थी एक दिन दोनों ने कोर्ट मैरिज करने का फैसला किया क्योंकि उन्हें पता था घर वाले या रिश्तेदार कभी उनका साथ नहीं देंगे।
दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली...
अब वर्तिका अपने पिताजी को यह कह कर जाती है कि वह अपने किसी रिश्तेदार के यहां जा रही हैं...और राहुल के साथ चली जाती हैं बहुत समय बीत जाता हैं धीरे–धीरे उसके पिताजी को शादी वाली बात पता चल जाती हैं और वह कुछ नहीं कर पाते हैं।
वर्तिका के पिताजी उसकी शादी करने में असमर्थ थे उन्हें लगता था कि कोई अगर रिश्ता करना चाहेगा तो ख़ुद ही पैसे ले देकर शादी हो जाएगी पर वह इस बात से बिल्कुल अंजान था कि वर्तिका ने तो शादी कर ली हैं उसके पिताजी को यह बात दूसरे लोगों से पता चलती हैं।
लेकिन यहां बात राहुल की हैं कि वह कितना अच्छा इंसान हैं जिसने एक गरीब लड़की से दोस्ती की उसी को अपना प्यार समझा और उसी लड़की से शादी कर ली यह सब कुछ जानते हुए कि घर परिवार वाले या कोई रिश्तेदार कभी भी उसका साथ नहीं देगा।
अगर हम समाज के लोगों को देखे तो सभी लोग स्वार्थ और लालच से भरे हुए हैं लेकिन राहुल ऐसा लड़का नहीं था वह सबसे बहुत अलग था।
जब राहुल के घर परिवार वाले लोगों को उसकी शादी वाली बात पता चलती हैं तो वह लोग उसे परेशान भी करते हैं और अपने घर में आने से मना कर देते हैं। राहुल किसी से कुछ भी नहीं कहता हैं और वर्तिका को अपने साथ लेकर बहुत दूर चला जाता हैं।
धीरे – धीरे कुछ समय बीत जाता हैं राहुल के घर वाले तो कभी भी उससे बात नहीं करते हैं लेकिन वर्तिका के घर वाले उसके पिताजी,भाई उससे बात करते थे और अगर कोई दूसरा व्यक्ति उनसे कुछ पूछता तो कहते कोई बात नहीं अब क्या अब तो हो गई शादी और वह ख़ुशी से अपना जीवन जी रही हैं।
सच में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो सामाजिक तौर–तरीकों के साथ वैवाहिक जीवन में बंधते हैं लेकिन फ़िर भी एक दूसरे को नहीं समझ पाते हैं लेकिन इसी समाज में रहने वाला लड़का राहुल एक बेहद गरीब लड़की से शादी करता हैं बिना किसी स्वार्थ के और वर्तिका को हमेशा खुश रखता हैं।
काश सभी लोग यह समझ पाएं कि जात– पात और भेद – भाव यह हम लोगों ने ही बनाएं हैं बाकि तो... हैं तो सभी मनुष्य ही।
सभी लोग स्वतंत्र हैं वह अपना जीवन कैसे बिताना चाहते हैं यह उनका खुद का फैसला होना चाहिए।
मानते हैं कभी – कभी खुद के लिए हुए फैसले गलत हो सकते हैं लेकिन इसमें कौनसी बड़ी बात हैं क्या बड़े लोगों के लिए हुए फैसले कभी गलत नहीं होते..?

