वो हसींन वादियां
वो हसींन वादियां
प्यार एक शब्द ही नहीं, ये एक अहसास भी है।
हालांकि प्यार का इंतजार हर किसी को रहता है, लेकिन खुश किस्मत होते है वो लोग जिन्हें सच्चा प्यार मिलता है।
ये कहानी है प्रेम और रिया की।
प्रेम की मुलाकात रिया से कश्मीर में हुई थी, कश्मीर की सुहानी वादियाँ और रिया की खूबसूरती दोनो पर ही प्रेम पूरी तरह फिदा हो गया था।
बात उस रात की है जब कश्मीर की ट्रिप के लिए प्रेम अपने दोस्तों के साथ घूमने गया था, वही उस की मुलाकात रिया से हुई जो कि अपनी फैमिली के साथ कश्मीर घूमने आई थी। कुदरत का अजीब संयोग देखिए, दोनो एक दूसरे को जानते भी नहीं थे। लेकिन फिर भी साथ बिताये ये दो दिन उन दोनोकी जिंदगी के सब से खास दिन बन गए। प्रेम और रिया दोनो अलग अलग बस से कश्मीर घूमने गए हुए थे कि अचानक कश्मीर में गोलीबारी की खबर आई और अचानक रात को आतंकवादियों ने रास्ता जाम कर बस में जा रहे यात्रियों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया। रिया जो कि मुंबई से आई थी ।रात को बस में बैठे रहने से उस के पेट मे तेज दर्द होने लगा, ऐसा यूरिन को अधिक देर तक रोकने से हुआ था। अब उस पर बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो बस से उतर कर, जंगल में अंदर जा कर सुनसान जगह तलाश रही थी, वही प्रेम जो कि दिल्ली का रहने वाला था। दूसरी बस से अनजान लड़की को अकेले जंगल में जाते देखा तो खुद को रोक ना पाया और कोई अनहोनी ना हो जाये ऐसा सोच बस से उतर दिया। रिया जैसे ही अपनी बस की और लौट रही थी, गोलियां चलने की आवाज़ आने लगी। शायद आतंकवादियों ने बस पर हमला कर दिया था। पीछे आते हुए प्रेम ने रिया को रोका और चुप चाप दबे कदमों से चलने को कहा, दोनो जंगल मे अंदर चले गए। रिया डर के मारे काँप रही थी, प्रेम ने रिया को बाहों में भर लिया।
दोनो को एक दूसरे के दिल की धक धक सुनाई दे रही थी। दोनो एक दूसरे को कस कर गले लगाये हुए थे। प्रेम पहली बार किसी लड़की के इतने करीब था, अचानक उस ने पकड़ ढीली की तो उस के होंठ रिया के होठों से टकरा गए। रिया और प्रेम दोनो इस दुनिया से दूर एक अलग ही दुनिया में पहुँच चुके थे।
रिया की खूबसूरती , जहाँ प्रेम को पागल कर रही थी। वही प्रेम का पागलपन रिया को दीवाना बना रहा था। दोनो को जैसे किसी और चीज का अहसास ही नहीं था। प्यार की कशिश ऐसी जो पहले कभी महसूस ही नहीं हुई थी। रिया की सुंदर काया, तो प्रेम की मदहोश आँखें एक दूसरे की दीवाना बनाने के लिए काफी थी। कब दिन ढल गया और रात गुजर गई पता ही नहीं चला। दोनो एक दूसरे की बांहो में इस कदर खोये हुए थे कि ना भूख ही लगी और न प्यास।
सुबह जब सूरज तेज हुआ, तो रिया को कुछ होश आया और उस ने खुद को प्रेम से अलग किया। उधर गोलीबारी भी बंद हो गयी थी, तो दोनोने वापसी का रुख किया। पुलिस भी आ चुकी थी, पुलिस ने जैसे ही जंगल से आ रही पैरों की आवाज़ को सुना तो सभी चौकन्ना हो गए। पुलिस ने हाथ ऊपर करने का निर्देश दिया तो रिया और प्रेम हाथ ऊपर किये गए बढ़ते नजर आए। आते ही पुलिस ने दोनो का नाम पूछा और परिचय पूछा ।
दोनो ने अपना अपना परिचय दिया, पुलिस ने रिया को उस के परिवार वालों को सौंप दिया। उधर प्रेम अपने दोस्तों के साथ वापस चल दिया।
भीड़ और जल्दबाजी में दोनो को बस एक दूसरे का नाम ही याद रह और साथ बिताए वो पल जो उन की जिंदगी के सबसे हसीन पल थे।
रिया आज भी प्रेम के सपनों में आती है, और प्रेम रिया के। दोनो एक दूसरे के साथ तो नहीं रह पाये पर दोनो की रूह साथ रहती है। एक दूसरे के दिल में धड़कन की तरह।।