रवि की वापसी
रवि की वापसी
सुबह घर की डोरबेल बजी।
निशा ने गेट खोला तो सामने रवि खड़ा था। गेट खोलते ही रवि ने माँ के पैर पकड़ लिए और बोला माँ मुझे माफ़ कर दो। मैं अब आप को अकेला छोड़ कर नहीं जाऊँगा। निशा ने बेटे को गले से लगा लिया और सारे शिकवे भूल दिए।
रवि जब घर छोड़कर चला गया था तो पीछे से उस ने समाज के जो ताने सुने उन को याद कर उस की आंखे भर आयी।
निशा ने मंदिर में दिया जला कर प्रभु का धन्यवाद किया कि आज उस के घर का चिराग आज वापस लौट आया।