दिल किसी की नहीं मानता
दिल किसी की नहीं मानता
रीता को सुमित से बिछड़े हुए पूरे चार साल हो गए थे, लेकिन उस के दिल में आज भी सुमित का प्यार ही धड़कता है।
अनिल लाख कोशिशों के बावजूद भी वह रीता के दिल में अपनी जगह नहीं बना पाया। वो कहते है ना अगर किसी से सच्चा प्यार हो जाये तो फिर दिल में किसी और को जगह नहीं मिलती।
रीता और अनिल ना चाहते हुए भी समाज के डर से एक ऐसा रिश्ता निभा रहे थे, जिस में प्यार दूर दूर तक नहीं था।
अक्सर इंसान समाज के डर से शादी का रिश्ता निभा तो लेता है, पर हकीक़त में यह कितनी ज़िंदगियाँ बर्बाद कर देता है।
मानो या न मानो पर दिल पर किसी का जोर नहीं चलता।
दिल में वही रहता है, जिस से प्यार हो। भले ही कोई रिश्ता हो या न हो।
