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Sandhya Chaturvedi

Inspirational

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Sandhya Chaturvedi

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माँ की सीख

माँ की सीख

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शादी को कुछ ही दिन हुए थे।आज मायके जाना था,रीता जल्दी जल्दी तैयार हुई। माँ से मिलने की खुशी जो थी। रीता ने पति रवि से कुछ पैसे मांगे ताकि छोटे भाई और बहन के लिए उपहार ले सके।

पति ने साफ मना कर दिया कि फिजूल खर्ची के लिए मेरे पास पैसे नहीं है।

रीता ने पति की जेब से चूपचाप से 200 rp निकल लिए और भाई बहन के लिए महंगी चॉकलेट और पेस्ट्री खरीद ली।तीनो भाई बहन ने खुशी से मिलकर चॉकलेट और पेस्ट्री खाई।तभी माँ ने रीता से पुछा रवि ने कितने रुपये दिए इन फिजूल खर्ची को,रीता के मुँह से निकल गया। माँ उन्होंने कुछ नहीं दिया, ये तो मैंने उन के बटुए से निकाल लिए ।

तब माँ ने रीता को बड़े प्यार से समझाया कि बेटी कभी भी पति के पर्स में हाथ नहीं डालते, लक्ष्मी रूठ जाती है।

पति के पर्स में बरकत होती है, पत्नी हाथ डाले तो बरकत चली जाती है।

रीता ने तभी से कसम खाली की कभी भी पर्स में हाथ न लगाएंगे।


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