वो हो तुम
वो हो तुम
पेट भरने के लिए तो सभी कमाते हैं.. चाहे जैसे भी हो.. हर कोई मेहनत करता है....कि येन केन प्रकारेण सभी जीवन यापन करने,, जिंदगी में सुख साधन हेतु कमाई करते हैं...
पर,,,,,
मैंने तुम्हें कमाया है,, हाँ कमाया ही तो है,,, बड़ी मुश्किलों से जो तुम्हें पाया है,, पहले डरती थी कि मेरी कमाई पर कहीं किसी की नजर पड़ गई तो,,, पर वक्त के साथ वो डर भी जाता रहा,, क्योंकि तुम्हें तो बस मैं ही देख सकती हूं न,, तो फिर भला डर कैसा,,
सुनो न.. ज़र्रे ज़र्रे में तुम हो,, मेरी हर साँस में तुम हो.... पर नजर क्यों नहीं आते,, बहुत दिल करता है तुम्हें एक बार देखूँ,, तुम्हें छू लूँ,,, खैर..
पता है तुम्हें??? सब कहते हैं कि इस जनम का लेखा जोखा का हिसाब अगले जनम में फलीभूत होता है.. अच्छे कर्मों से अच्छा जनम मिलता है.. और शिद्दत से किसी को चाहो या अराधना करो तो वो भी इच्छा पूरी होती है..
सुनो न, इस जन्म तुम्हें कमा कर रखूं तो अगले जन्म मुझे मिलोगे न ?
बोलो न,
एक दुआ, एक फरियाद
तुम्हारी याद और बस तुम
मेरा जुनून, मेरा सुकून
बस तुम और बस तुम......