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Krishna Raj

Tragedy

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Krishna Raj

Tragedy

वो आंखें

वो आंखें

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 कितनी मासूम प्यारी सी आँखें थीं उस बच्चे की... रोज आते जाते उस पर नजर पड़ ही जाती थी.. शानदार बंगला.. उपर के कमरे में एक बड़ा सा झरोखा, जो अक्सर भारी पर्दे से ढका रहता था.. ये इत्तफाक था या हमारा वहम पता नहीं..जिस वक़्त हम उधर से निकलते, वो मासूम आँखें हमें नजर आती.. दिन में दो बार वहां पर्दे की जगह वो मासूम नजर आता।

अब ये रोज का सिलसिला हो गया, उस जगह पर पहुंचकर बरबस हमारी आँखें उस दिशा में चली जाती...

आँखों से बढ़कर मुस्कान तक.. और फिर एक दिन उसने झरोखे से हाथ बाहर हाथ निकाल कर हाय किया.. हम ने भी हाथ हिला दिया.. दूसरे ही पल अपनी गलती का एहसास हुआ कि सरे राह हम किसी की खिड़की के तरफ देखकर हाथ हिला रहे हैं. खैर इतना सोचना भी सही नहीं।

वो बंगला अक्सर बंद ही रहता.. पता नहीं कितने लोग रहते थे... उस बच्चे को देखकर लगता था कि वो अकेला बच्चा है,,

कभी कभी खुद पर बहुत कोफ़्त होती ये सोचकर कि मिलनसार होने में आखिर बुराई क्या है... कम-से-कम आसपास के लोगों की जानकारी तो मिलती रहती.. पर हम जानते थे ये कुछ पल की जिद थी.. रहेंगे तो हम खड़ूस ही..

फिर भी अपनी आदत के विपरीत हमने हमारी दोस्त से पूछ ही लिया जो उस बंगले के पीछे रहती थी, चूंकि वो ज्यादा करीब थी तो उसे पता ही होना था.. 

और जो उसने बताया, बड़ा तकलीफ़ देह लगा.. 

उस बंगले में सिर्फ 3 लोग रहते थे, और दो उसमें काम करने वाले.. जो नीचे बने सर्वेंट क्वार्टर में रहते हैं.. बंगले के मालिक मिस्टर प्रसाद की पहली पत्नी किसी हादसे में अपनी जान गँवा बैठी थी.. उन्होंने दूसरी शादी कर ली.. वो लड़का 

उनकी पहली पत्नि का बेटा है,,,

मिस्टर प्रसाद ने जिस लड़की से शादी की वो पैसों की चकाचौंध में पागल है.. आए दिन घर में पार्टी करती है.. या खुद बाहर रहती है,,, मिस्टर प्रसाद बिजनेस के सिलसिले में अक्सर बाहर होते हैं,, 

उनके सर्वेंट बताते हैं.. उनकी मालकिन ने बच्चे को काफी डराकर रखा हुआ है.. हमेशा डरा सहमा रहता है.. उसके पापा रहते हैं तभी उसके चेहरे पर रौनक होती है.. 

नहीं तो अकेला अपने कमरे मैं चुपचाप बैठा रहता है.. 

उफ्फ कैसे कैसे लोगों से भरी हुई है ये दुनिया.. जिस बच्चे को खुले आकाश में पंछी की तरह उड़ना चाहिए, उसे कैद करके रखा हुआ है.. अब हमने उस बंगले के सामने अपनी रफ़्तार को कम करना शुरू कर दिया ताकि उस बच्चे की मुस्कान को ज्यादा समय दे सकूँ... 

उसकी प्यारी सी आँखें अब मुस्कुराने लगी थी.. उसे देखकर दिल यही कहता.. 

कोई दिल दुखाये ना ऐसे किसी का 

ये आँखें हैं आईना मेरी जिंदगी का.. 



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