विवाह प्यार और कुर्बानी भाग:4
विवाह प्यार और कुर्बानी भाग:4
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कहानी: विवाह प्यार और कुर्बानी ( अंतिम भाग )
अचानक मुझे उसके कुछ महीने से सपने आने लगे।
अब आगे:
सिमरन ही वो लड़की है जिसके बारे में मुझे पिछले कुछ महीने से बार-बार सपने आ रहे है। पिछले सपनों में तो चेहरा नही सिर्फ पीठ नजर आती थी या नाम सुनाई देता था। पर आज तो पूरी तरह से चेहरा भी दिखा। मैं अपनी पत्नी के साथ हूं व वो एक जगह सफाई करती दिखी और जैसे ही चेहरा दिखा तो वो सिमरन थी। मैं उसे बुलाना नहीं चाहता था पर मैने आवाज़ दी और उसे नाम से बुलाया, उसने मेरी तरफ देखा और हम एक दूसरे के पास आ गए थे सपने में और फिर मैनें कहा कि कैसे हो और वो कुछ नहीं बोली और जाने लगी।
मैनें फिर रोका और कहा कि इतनी नफरत और अगर तुम गई तो मैं सामने मैडिकल की दुकान से ब्लेड लेकर अपनी हाथ की नसे काट लूँगा। इससे पहले वो कुछ कहती तभी कोई उसे आकर कहता है कि उसके बच्चे की जान खतरे में है। और हम दोनो वहां जाते है और देखते है कि आसमान से तभी दो बिल्ली एक साथ नीचे आती है। तभी एक आदमी बाइक पर आता है और जिससे मेरी लड़ाई होती है और मैं उसे मार-मार कर बस में लेटा देता हूं।
और सिमरन भी उसके बाद नजर नहीं आती है। तब मेरी दीदी सीमा( काल्पनिक नाम ) जी के किसी रिश्तेदार की शादी वहां पर हो रही है और मैं फिर से सिमरन को ढूंढना शुरू करता हूं।
फिर मैं जहां पहुँचता हूं वहां एक कमरे में सफेद साड़ी डाले एक चुड़ैल दिखती है। मैं उसे मारता हूं और वो इसलिए कि वो मुझे धमकाती है और वो अचानक कमरे से बाहर आती है। मुझे पता चल जाता है कि वो सचमुच में बहुत शक्तिशाली है। और फिर मैं उसे हँसी मज़ाक में मार-मार कर हरा देता हूं और फिर मेरी नींद खुल जाती है।
आशा करता हूं कि मेरा ये सपना रूपी कहानी जोकि वास्तविक है और सिर्फ पात्रो के नाम बदल दिए है आपको पंसद आयेगी।
समाप्त।