विश्वमृत नायिका
विश्वमृत नायिका
इतिहास की महानायिका जिस की वीरता का परिचय भारत के बच्चे -बच्चे को होना चाहिए, दुर्भाग्य से हो ना सका। मात्र 20 वर्ष की आयु में अपनी 40,000 महिला सेनानियों की सहायता से तैमूर की सेना को गाजर -मूली की तरह काट कर रख देने वाली, इतिहास में विलुप्त इस महानायिका का नाम है वीरांगना रामप्यारी गुर्जर।
वीरांगना रामप्यारी गुर्जर का जन्म गुर्जरगढ (वर्तमान मे सहारनपुर) क्षेत्र में हुआ था। सहारनपुर के वीर चौहान वंश में उनका जन्म हुआ था।उनका बचपन से ही वीर होना स्वाभाविक था क्योंकि वे भारत के वीर नर-नारियों की कहानी सुनकर पली- बढ़ीं थीं।वे एक कुशल यॊद्धा बनीं। वे पुरुषों जैसी वेष- भूषा पहनती थीं और रॊज़ कुश्ती और कसरत किया करती थीं।
1398 मॆं तैमूर मंदिरों को लूट रहा था, लाखों हिंदुओं को काट रहा था,दिल्ली में उसने करीब एक लाख हिन्दुओं को मारकर उनके शीश से स्तंभ बनाये थे।उसका अत्याचार दिन ब दिन बढ़ रहा था और वह दिल्ली से आगे बढ़ने की मंशा रखता था।तब जाट, गुर्जर, राजपूत, ब्राह्मण, वाल्मीकी, अहीर व अन्य समुदाय के 80,000 लोगों की सेना एकजुट होकर महाबली जॊगराज सिंह के पुरुष नेतृत्व में और 40,000 महिला सैनिक वीरांगना रामप्यारी गुर्जर के नेतृत्व में ऐसा युद्ध लड़ा की तैमूर को दुम दबाकर भागना पड़ा।
रामप्यारी और उनकी महिला सेना रात को तैमूर के सैनिकों के शिविर में जाकर उन्हें गाजर- मूली की भांति काट डालती थीं। उनकी युद्ध सामाग्री और खाद्यान्न को चुरा लाती थीं। रामप्यारी के गोरिल्ला युद्ध कौशल को शत्रु की सेना तॊड़ नहीं पाई। दिल्ली, मेरठ और हरिद्वार में हिन्दुओं ने तैमूर की सेना पर खूब कहर बरपाया।
वह भारत को जीतने का अधूरा सपने लिए लौट गया।भारत से लौटने के कुछ ही समय पश्चात उसकी मौत हो गई।