विनाशक हाथी (किंवदंती बनना)
विनाशक हाथी (किंवदंती बनना)
वर्तिका नदी के दोनों तट योद्धाओं से भरे है। पूर्वी तट पर अलेक्जेंडर का सेनापति सेल्यूकस अपनी विशाल पैदल सेना के साथ उपस्थित है दूसरी तरफ माहिष्मती की पैदल और घुड़सवार सेना कटप्पा के नेतृत्व में मरने-मारने के लिए तैयार खड़ी है। वर्तिका नदी को पार करते ही अलेक्जेंडर की सेना माहिष्मती की सीमा में होगी और उसके उत्साही सैनिक उफनती वर्तिका नदी को पार करने के लिए उतावले हो रहे है लेकिन सेल्यूकस के दिमाग में कुछ और ही चल रहा।
अलेक्जेंडर को युद्ध में सैनिकों को मरवाने की अपेक्षा बाहुबली से खड्ग युद्ध कर उसे परास्त कर माहिष्मती पर विजय पाने की इच्छा है, दो दिन पूर्व उसने अपना प्रस्ताव माहिष्मती को भेज दिया था; लेकिन उसके प्रस्ताव को दरकिनार करते हुए माहिष्मती के महाराज भल्लाल देव ने कटप्पा के साथ माहिष्मती की विशाल सेना अलेक्जेंडर की सेना से मुकाबला करने के लिए भेज दी थी। राज्य से निष्कासित बाहुबली का कुछ अता-पता भी नहीं था, भल्लाल देव और राजमाता में इतना आत्मबल भी नहीं था कि बाहुबली को तलाश कर अलेक्जेंडर से खड्ग युद्ध करने के लिए मना सके।
"कहाँ है बाहुबली; क्या वो अलेक्जेंडर महान से खड्ग युद्ध करने योग्य नहीं है?" सेल्यूकस ने ललकार कर पूछा।
"बाहुबली राज्य से निष्कासित है; लेकिन महाराज भल्लाल देव अलेक्जेंडर महान से खडग युद्ध करने के लिए इच्छुक है" कटप्पा ने चिल्ला कर जवाब दिया।
"भल्लाल देव एक धूर्त व्यक्ति है, अलेक्जेंडर महान उसे माहिष्मती का राजा नहीं मानते है, वो माहिष्मती के असली राजा बाहुबली से ही खडग युद्ध करेंगे नहीं तो तुम्हारी इस सेना को नेस्तोनाबूत कर माहिष्मती को मिटटी में मिला देंगे” सेलुकस गंभीर स्वर में बोला।
"तो हम तुम्हें युद्ध के लिए ललकारते है" कटप्पा ने आसमान पर छाते हुए घनघोर बादलों की तरफ देखते हुए कहा।
सेल्यूकस ने जवाब देने के स्थान पर अपनी सेना को एक इशारा किया, उसका इशारा पाते ही अग्रिम पंक्ति में खड़े तीरंदाजों ने माहिष्मती की सेना पर तीरो की वर्षा कर दी। उनका मुख्य निशाना माहिष्मती की सेना के हाथी सवार थे, तीरों की भयानक वर्षा से हाथी भड़क उठे और अपनी सेना को कुचलते हुए इधर-उधर भागने लगे। तभी आसमान में छाए बादल गरज उठे और मूसलाधार बारिश होने लगी। हाथियों की भगदड़ और मूसलाधार बारिश से परेशान माहिष्मती की सेना पर सेलुकस अपनी घुड़सवार सेना के साथ भूखे शेरों की तरह टूट पड़ा। आधे घंटे में कटप्पा सहित माहिष्मती की सेना गाजर मूली की तरह काट दी गई।
विजय यात्रा
आधे घंटे में विजय पताका लिए जब अलेक्जेंडर की सेना माहिष्मती की गलियों में तालबद्ध तरिके से चल रही थी। भल्लाल देव अपने पिता और मंत्रिपरिषद के साथ महल के किसी गुप्त रास्ते से भाग चुका था। अलेक्जेंडर ने सैनिको का एक दस्ता भल्लाल देव और उसके साथियों को पकड़ने के लिए भेज दिया, राजमहल में राजमाता शिवगामी महल की स्त्रियों के साथ अकेली मिली अलेक्जेंडर ने राजमाता शिवगामी महल की स्त्रियों को उनकी मर्जी से कहीं भी जाने की इजाजत दी, राजमाता ने जंगल में रह रहे बाहुबली के पास जाने के लिए कदम बढ़ाए ही थे कि तभी शोर मचाते हुए अलेक्जेंडर के सैनिक भल्लाल देव, उसके पिता और मंत्रियों को पकड़ कर राज्य के दरबार में आ गए।
अलेक्जेंडर ने सैनिकों को उन सबके सिर कलम करने का आदेश दिया।
तभी भल्लाल देव गुर्रा कर बोला, "सैनिकों के दम पर महान बने अलेक्जेंडर हिम्मत है तो मुझसे खड्ग युद्ध कर।"
उसकी बात सुनते ही सेल्यूकस ने सैनिकों को उसका सिर वेदी पर रखने को कहा।
तभी अलेक्जेंडर ने हाथ उठाकर सेलुकस को रोका और भल्लाल देव को उसकी तलवार के साथ आजाद करने का आदेश दिया और अपनी विशाल तलवार लेकर वो सिंहासन से उठ खड़ा हुआ।
खडग युद्ध आरम्भ हुआ, भल्लाल देव भयंकर आवाजे निकालते हुए अलेक्जेंडर पर तलवार के हमले करने लगा। अलेक्जेंडर कुछ देर उसके साथ खिलवाड़ करता रहा लेकिन उसने एकदम पैतरा बदल कर भल्लाल देव पर आक्रमण किया और उसका तलवार पकड़ने वाला हाथ काट डाला। भल्लाल देव चीखते हुए धरती पर गिर पड़ा और अलेक्जेंडर ने उसका सिर कलम करने का इशारा कर दिया।
अकेला योद्धा
"तभी एक सैनिक ने सेल्यूकस को कुछ कहा। सेल्यूकस कुछ देर सोचता रहा और फिर बोला, "महाराज बाहुबली जंगली लोगो की एक सेना के साथ आ गया है और उसने पूरी माहिष्मती का घेराव कर लिया है और आपसे बात करना चाहता है"
"बुलाओ उसे" अलेक्जेंडर ने हत्यारो को रुकने का आदेश देते हुए कहा।
बाहुबली को निहत्था अलेक्जेंडर के सामने पेश किया गया। अलेक्जेंडर ने विशालकाय बाहुबली की तरफ गौर से देखा और बोला, "माहिष्मती का घेराव कर चुके हो तो युद्ध करो मुझसे क्या बात करना चाहते हो?"
"महाराज आप मुझसे खडग युद्ध करना चाहते थे?" बाहुबली ने पूछा।
"वो युद्ध को रोकने की शर्त थी, अब तो युद्ध समाप्त हो चुका है, अब कैसा खडग युद्ध?" जवाब सेल्यूकस ने दिया।
"मैं अपने सैनिको के साथ युद्ध करने और मर मिटने के लिए ही आया हूँ अगर युद्ध की ही होना है तो मै युद्ध करूँगा" कहकर बाहुबली मुड़ा।
"आज कोई और युद्ध नहीं होगातुम्हारी जंगली सेना मेरी सेना की पीछे रहने वाली टुकड़ी ने काट डाली है लेकिन मुझे तुम्हारा द्वन्द युद्ध आमंत्रण स्वीकार है" अलेक्जेंडर गंभीर स्वर में बोला।
"महाराज यदि मै खडग युद्ध जीत गया तो?"
"तो हम तुम्हारी जान बख्स देंगे हारी हुई सेना के प्रधान की बात नहीं मानी जाती है" अलेक्जेंडर गंभीर स्वर में बोला।
"महाराज आप विजेता है लेकिन मेरे साथ सम्मान जनक व्यवहार की अपेक्षा है मुझे मुझे आपसे मेरे प्राणों से कुछ ज्यादा की अपेक्षा है" बाहुबली बोला।
"क्या अपेक्षा है तुम्हारी?"
"महाराज मै विजेता रहा तो मेरे भाई भल्लाल देव के प्राण बख्स दिए जाए और उसे राजमाता के साथ हमारे राज्य की छोटी सी रियासत चन्द्रनगरी का सामंत बनाकर शांति से रहने दिया जाए"
"तुम्हे अपने लिए कुछ नहीं चाहिए?"
"नहीं महाराज"
"तुम एक मुर्ख हो बाहुबली; जिस व्यक्ति ने तुम्हे बर्बाद कर दिया, तुम्हे उसके प्राणो की चिंता हैतुम दरअसल राजा बनने के गुणों से वंचित होतुम केवल किवदंती बनने के लिए ही पैदा हुए होआओ खडग युद्ध करो मुझसे, यदि मै हारा तो मै तुम्हे और तुम्हारे परिवार को जीवित जाने दूँगा और रियासत चन्द्रनगरी भी तुम्हे दे दूँगा।" कहकर अलेक्जेंडर अपनी विशालकाय तलवार लेकर उठ खड़ा हुआ।
अलेक्जेंडर बाहुबली युद्ध
युद्ध आरम्भ हुआ, अलेक्जेंडर पूरी पश्चिमी दुनिया का सर्वश्रेष्ठ तलवारबाज था उसके सामने बड़े से बड़ा योद्धा पाँच घड़ी नहीं ठहर सकता था लेकिन बाहुबली जैसे विशालकाय व्यक्ति से मुकाबला चलता रखा अलेक्जेंडर अपने किसी भी दांव से बाहुबली को हरा नहीं पा रहा था। अलेक्जेंडर समझ चुका था कि आज पासा पलट सकता है, दोनों योद्धाओ के खून से दरबार का फर्स लाल हो चुका था और खून की फिसलन बढ़ती जा रही थी। अलेक्जेंडर इस प्रकार की फिसलन में युद्ध करने का आदि था लेकिन बाहुबली खुद को संभाल न पाया और हल्का सा लड़खड़ा गया। उसी पल अलेक्जेंडर ने अपनी तलवार बाहुबली की छाती में घुसा दी। बाहुबली ने राजमाता शिवगामी की तरफ देखा और उसका मृत शरीर फर्स पर जा गिरा।
राजमाता चीख कर मूर्छित हो गई तभी अलेक्जेंडर के इशारे पर भल्लाल देव, उसके पिता और मंत्रियों के सिर कलम कर दिए गए।
अलेक्जेंडर मृतकों की तरफ देखते हुए बोला, अमरेंद्र बाहुबली एक वीर था, एक बार मुझे लगा वो मुझे परास्त कर देगा लेकिन मै हमेशा की तरह देवताओ के आशीर्वाद से जीत गया। राजमाता को चंद्रनगरी दे दी जाए और पिलातुस को माहिष्मती का सामंत नियुक्त किया जाता है। एक सप्ताह बाद हम अपनी विजय यात्रा पुनः आरम्भ करेंगे।