वैलेंटाइन डे सरप्राइज!!
वैलेंटाइन डे सरप्राइज!!
"वॉओ अनिकेत तुमने मुझे कितना अच्छा सरप्राइज दिया! वेलेंटाइन डे का, ऐसा तो मैं अपने ख्वाबों में सोचा करती थी रोमांटिक फिल्मों को देखकर और तुमने उसे आज हकीकत में बदल दिया| आई लव यू सो सो मच" कहते हुए राशि अनिकेत के गले लग गयी।
गानों की रोमांटिक धुन होटल के कमरे में बज रही थी और अनिकेत ने घुटनों पर बैठकर राशि को गुलाब के फूलों से सजा गुलदस्ता उपहार में दिया, दोनों बाहों में बाहें डाले बॉलीवुड के रोमांटिक गाने पर थिरक रहे थे| लाल गुलाबों से की गई कमरे की सजावट,बेड पर गुलाबॉब से बना दिल, कमरे की मध्यम लाइट राशि के रोमांस को परवान चढ़ा रही थी।
राशि ने धीरे से कहा"अनिकेत तुम बहुत अच्छे हो, तुम्हारे जैसा पति तो नसीब वाली लड़कियों को ही मिलता है। अब मैं पक्का वादा करती हूँ कि तुमसे कभी बेवजह झगड़ा नहीं करूँगी"|
थोड़ी देर बाद अनिकेत राशि को प्यार से अपनी गोद में उठाकर बेड पर ले गया।
तो राशि ने कहा "अनिकेत तुम्हें पता है शादी से पहले मैंने सोचा था कि अपने पति के साथ एक दिन ऐसा ही वेलेंटाइन डे मनाऊंगी,और आज तुमने ये सच कर दिया। मुझे आज लग रहा है कि मैं कोई ख्वाब देख रही हूँ मैं आज इतनी खुश हूं कि मेरा मन हो रहा है कि मैं खुशी से जोर से चिलाऊ, और इस रात की कभी सुबह ना हो और मेरा ख्वाब कभी ना टूटे।
"आआआआआ..........ये क्या है ? राशि जोर से चीख पड़ी
"एक गिलास पानी मैडम" -अनिकेत ने कहा|
अनिकेत ने राशि को जगाने के लिए एक गिलास पानी उसके ऊपर गिरा दिया जिससे वो गीली हो चुकी थी| वो उठकर बैठ गयी और गुस्से में कहा "तो यह कौन सा तरीका है किसी को जगाने का? मुँह से बोलकर नहीं जगा सकते थे?"
"कब से राशि राशि बोल रहा हूं और तुम हो कि अलग ही दुनिया में सैर कर रही हो" अनिकेत ने कहा|
तब तक राशि ने अपने अगल बगल देखा तो उसके मुँह से चीख निकल पड़ी उसने अपने सिर पर हाँथ रख के कहा"हे भगवान!ऐसा मेरे साथ ही क्यों होता है।"
"अनिकेत ये सब क्या है?"-राशि ने कहा
"तुम देखो ये सब क्या है, अगर सपने और नींद पूरी हो गयी हो तो हकीकत की दुनिया में कदम रखो, और देखो की घर और कमरे की क्या हालत हुई है किंतनी बार बोला है कि डायपर पहना कर बेड पर लिटाया करो, लेकिन नहीं तुम्हें तो बच्चे को कपड़े वाली लंगोट ही पहनना है,डायपर पर लेक्चर झाड़ती हो ना , तो अब सब साफ करो-" अनिकेत ने झुंझलाकर कहा
राशि ने देखा उसके 7 महीने के बेटे रोहन ने पॉटी कर दी थी और वो पूरे बेड की चादर पर फैल गयी थी आंखों में आंसू आ गए ,उसके दिल के अरमान आसुओं में बह रहे थे राशि के। ये सोचकर कि जिसे वो गुलाबो की सेज समझकर सो रही थी दरअसल वहाँ तो पॉटी था। उसका दिल बार बार गाये जा रहा था"दिल के अरमा आंसुओं में बह गए"
उसने बेटे को गोद में लिया ही था कि बेड से नीचे उतरते उसके पैरों के नीचे कलछी आ गयी, देखा तो रसोई की ट्रालियों से सारे बर्तन और डिब्बे निकाल कर उसकी चार साल की बेटी खुशी ने पूरे घर में फैला दिया था पूरे कमरे में आलू प्याज बर्तन खिलौने बिखर गए थे।
अब राशि के ख्वाबों का वादा टूटा और वो अनिकेत पर चिल्ला पड़ी, तुम बैठे बैठे सोफे पर टांगे पसार कर बस नेटफ्लिक्स पर मूवी देखो, खुशी को सम्भाल नहीं सकते थे, थोड़ी देर दोपहर में सो क्या गयी पूरे घर में जैसे सूनामी आ गयी ।
राशि गुस्से में अनिकेत पर बरस पड़ी। और घर के काम कभी बोलकर, कभी बुदबुदाते हुए पूरा काम कर रही थी लेकिन अनिकेत टस से मस नहीं हुए।
बस पलटकर इतना ही कहा"और देखो दिन में ख्वाब और राशि फिर चिढ़कर गुस्से में बोली अब तुम ज्यादा मत बोलो समझें, और बर्तन पटक पटक काम करने लगीं।
और अब दिल में बस शैड बॉलीवुड के गाने आये जा रहे थे कभी उसका मन अनिकेत को देखकर गाता"शादी कर के फंस गई यार,अच्छी खासी थी कंवारी"
कभी घर के कामो को देख कर लगता"ये इश्क हाय ये बैठे बिठाए जन्नत दिखाए हाय," ।
तब तक उसकी नजर आईने पर गयी और खुद को आईने में देखकर उसे याद आया" राशि तू तो देखते देखते क्या से क्या हो गयी"
और उसने मन ही मन अपने पुराने दिनों को याद करते हुए गाना गुनगुना शुरू कर दिया,"कोई लौटा दे वो प्यारे प्यारे दिन" इतना ही गीत गुनगुना पायी थी कि
तब तक अनिकेत की फरमाइश भी शुरू हो गयी सब हो जाये तो एक कप चाय बना देना, और हाँ रात को मेरे कुछ दोस्त आएंगे,खाने पर तो तुम देख लेना।
इतना सुनते राशि को मन हुआ कि चाय का भगोना दे मारे सिर पर लेकिन खुद को कंट्रोल किया और खुद से बोल पड़ी"राशि बेटा मन गया तेरा ख्वाबो वाला वन डे रोमांटिक वेलेंटाइन डे ,"
सच ही कहा है कहने वालों में "दिल तो पागल है,दिल दीवाना है"
तब तक राशि का फ़ोन बजा उसने देखा तो उसकी सहेली का फोन था।
उसने फोन उठाकर "हैलो" कहा
तो उसने सीधा पूछा "राशि तू कहाँ जा रही है,क्या गिफ्ट मिला तुझे, हम तो आज बाहर जाएंगे, इन्होंने मुझे गोल्ड रिंग दी गिफ्ट में, तू भी बता ना, और हाँ सच सच बताना कहां जा रही है??"
राशि ने अपने मन में बुदबुदाते हुए कहा जहन्नम में, फिर खुद को सम्भाला और कहा "अरे! कहीं नहीं यार रोहन को लेकर अभी बाहर नहीं जा सकती ना इसलिए मैंने अनिकेत को मना कर दिया| अच्छा चल रखती हूं।
राशि का मन एक बार फिर बोल पड़ा "सखियां सहेलियां के पिया अलबेला बनवारी हो हमारा के बलमा गंवार" और लग गयी अपने काम पर।