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Ragini Ajay Pathak

Others

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Ragini Ajay Pathak

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भाग 15

भाग 15

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रिया ने अमर के मैसेज को इग्नोर करते हुए दीपिका का फोन उठाया।

फोन उठाते दीपिका ने रिया से कहा,"हाय!मेरी जान कैसी है? कल तो पार्टी में मजा ही आ गया। यू आर सो लकी यार जो तुझे इतने अच्छे मम्मी पापा मिले। वरना तो मेरे जैसे मम्मी पापा मिलते तो बस हो गयी ग्रेंड पार्टी।"

रिया-"क्यों अंकल आंटी भी तो अच्छे है तेरा कितना ख्याल रखते है। तेरी हर जरूरत को पूरी करते है।"

दीपिका-"अरे जाने दे तू तो , कल से मुँह फुलाए बैठे हैं दोनों ही नही बात कर रहे , नहीं कर रहे तो मत करे मुझे भी अब कोई फर्क नही पड़ता ।"

रिया-"कैसी बहकी बहकी बातें कर रही है? क्यों नहीं बात कर रहे किस बात पर गुस्सा हुए है। इस बात को तो जान लिया होता।"

दीपिका-"जानती हूँ क्योंकि मैं पार्टी में उनको बिना बताए गयी और देर रात पार्टी कर के घर आयी। जो लोग दूसरों की पार्टी मुझे एन्जॉय नहीं करने दे सकते वो मुझे पार्टी क्या खास देंगे, यहाँ पार्टी के नाम पर पिटाई और कुटाई के साथ लेक्चर अलग मिलता है। पढ़ो ,पढ़ो करियर बनाओ, आत्मनिर्भर बनो फिर पार्टी कर लेना। बल्ला बल्ला ना जाने क्या क्या?"

रिया-"ओह्ह शीट !मीन्स तू बिना बताए पार्टी में आयी थी, ओह्ह गॉड ,आंटी मेरे बारे में क्या सोच रही होंगी,दीपिका ये तूने बहुत गलत किया, मैं भी भूल गयी तुझे समय से घर भेजना, मैं आज ही घर आकर आंटी से माफी मांगती हूँ।"

दीपिका-"तू क्यों माफी मांगेगी? जाने दे दो दिन बाद खुद ही मूड ठीक होगा तो बात करने लगेंगे,अच्छा है तब तक शांति बनी हुई है। वरना सारे सांसारिक नियम क़ानून ,संस्कृति सभ्यता बोल बोल कर सिखाया जाता हैं। मुझे वैसे भी ऐसे प्रवचन नही सुनना पसंद"

"अच्छा मैडम तो क्या सुनना चाहती है आप, "

"छोड़ इन बातों को जाने दे,टॉपिक चेंज करते है क्यों बेकार में अच्छे खासे मूड को खराब करना।"

"अच्छा सुन कल जो तेरी पार्टी में वो लड़का आया रहा क्या नाम था उसका मैं नाम भूल रही हूँ।" दीपिका ने अमर का नाम ना लेते हुए अनजान बनकर रिया से कहा

क्योंकि वो अमर के बारे में रिया से जानना चाहती थी। लेकिन उसने सीधे उसके बारे में ना पूछकर बातों बातों में रिया से जानना चाहा।

रिया ने कहा,"कौन लड़का कल पार्टी में तो बहुत से लड़के आए थे?"

दीपिका,"अरे वो जो स्मार्ट सा बन्दा था जिसके आते ही सब उसे पलटकर देखने लगे"

रिया -"मुझे तो ऐसा कुछ याद नही आ रहा।"

"ओफ़ ओह तू भी ना बहुत भुलक्कड़ है। अरे जिसे अंकल तेरे पास लेकर आए, तुझसे मिलाने के लिए "

"कौन ? कही तू वो अमर की बात तो नही कर रही है ।"

"हाँ हाँ वही अमर अच्छा याद दिलाया तूने मैं तो नाम ही भूल गयी थी। कितना सुंदर बंदा है यार, जिस भी लड़की से उसकी शादी हुई उसकी तो जिंदगी सेट हो जाएगी। काश मुझे भी वैसा ही अमीर हैंडसम बंदा मिल जाए तो बस लाइफ में और कुछ भी नही चाहिए।"

रिया ने उसकी बात सुनकर व्यंग्य में मुस्कुराते हुए कहा,"सुमन ठीक कहती है तेरा दिमाग खराब हो चुका है। तुझे कैसे पता कि उस लड़के से शादी करके जिंदगी सेट हो जाएगी। शादी के लिए पैसों से ज्यादा दो लोगो के बीच एकदूसरे के लिए प्यार और सम्मान होना जरूरी है।"

"अरे! ये सब किताबी बातें है ऐसा कुछ नही होता पैसों से सब कुछ मिल सकता है। प्यार भी ,सम्मान भी और मनचाहा रिश्ता भी"

दीपिका तुझे मैं अपना अच्छा दोस्त मानती हूं इसलिए बोल रही हूं। तेरी ये सोच बहुत गलत है। समय रहते अपनी सोच को बदल लें वरना तुझे इसके लिए कहि पछताना ना पड़ जाए।



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