भाग 10
भाग 10
रिया की बात सुनते रवि के चेहरे का रंग उड़ गया। उसने अपनी नजरें झुका ली।
जिसे देखकर रिया ने कहा, "रवि क्या हुआ ? क्या मैंने कुछ गलत कहा या ऐसा जो मुझे नहीं कहना चाहिए था।"
रवि ने थोड़ा हकलाते हुए कहा,"रिया वो मैं....."
कहकर रवि रुक गया और अगल बगल देखने लगा।
तब रिया ने उसके करीब आकर कहा, "रवि मैं तुमसे प्यार करती हूँ। ये मेरे मन की बात थी जो मैंने तुमसे कही। तुम्हारे मन मे क्या है? तुम आराम से अपना समय लेकर मुझे सोच समझकर जवाब देना, मुझे तुम्हारे जवाब का इंतजार रहेगा।"
कहकर रिया वहाँ से तेज कदमों से चली गयी।
रिया रवि से बहुत प्यार करती थी, लेकिन रवि को इसके बारे में कुछ भी पता नहीं था। लेकिन आज रिया के दिल की बात जानकर रवि स्तब्ध था। उसे कुछ भी समझ नही आ रहा था कि वो क्या करें। पार्टी में रुके या चला जाए।
आखिर में उसने फैसला लिया और वो पार्टी से चुपचाप बिना किसी से कुछ बोले चला गया।
इधर रिया को हमेशा डर लगता था कि रवि उसे ठुकरा देगा, लेकिन आज रवि की चुप्पी ने उसके मन मे एक ना जाने क्यों विश्वास की किरण जगा थी वो अपने मन की बात बोलकर बहुत खुश थी वो सोच रही थी कि रवि ने तो कुछ भी नही कहा वो बेकार में ही इतने दिनों तक अपने भावों को साझा करने में हिचकिचाती थी।
वो मन ही मन मुस्कुरा रही थी। कि तभी उसके पास दीपिका आयी और उससे उसके मुस्कुराहट का कारण पूछा तो उसने कहा, "कुछ नहीं, बस ऐसे ही"
तब दीपिका ने कहा, "चल, खाना खाते है। मुझे भूख लगी है।"
इधर रिया ने आज अपने दिल की बात रवि को बता दी थी । जिससे उसके दिल का बहुत बड़ा बोझ हल्का हो गया हो उसे अंदर से ऐसा महसूस हो रहा था। आज से पहले रिया को लगता था कि रवि ने उसे ठुकरा देगा। उससे गुस्से में दोस्ती खत्म कर लेगा। लेकिन आज रवि ने ऐसा कुछ भी नहीं किया जिससे रिया का दिल खुश हो गया।
सुमन और दीपिका ने एक साथ रिया को हिलाते हुए कहा, "कहाँ खो गयी मैडम?"
"अरे! कहीं नहीं बस ऐसे ही चलो चलते है।"
इधर टेबल पर रिया, दीपिका, सुमन औऱ कालेज के कुछ और दोस्त एक भी एक साथ खाने आए। लेकिन रवि को वहाँ मौजूद ना देखकर रिया की नजरें उसे ढूंढने लगी।
तभी रिया ने सुमन एवं बाकी दोस्तों से पूछा, "अरे! रवि कहां रह गया दिखाई नहीं दे रहा?"
सुमन ने कहा, "मैंने तो काफी देर से उसे नहीं देखा पता नहीं कहाँ गया?"
दीपिका ,"क्या करना है? कहीं भी जाए ,वैसे अच्छा ही हुआ खुद ही चला गया।"
को तभी दूसरे दोस्त ने बताया कि रवि घर चला गया वो कुछ परेशान दिख रहा था।
इतनी बातें सुनकर रिया सोच में पड़ गयी कि उसने कहीं कुछ गलत तो नहीं किया ना।
इधर दीपिका चारो तरफ नजरें घुमा कर अमर को देख रही थी। क्योंकि उसकी नजरें सिर्फ अमर को ही देख रही थी। तभी उसने दुबारा नजरें घुमाई तो देखा उसको अमर कहीं नजर नहीं आ रहा था। जिससे वो बेचैन होकर इधर उधर देखने लगी। दीपिका की बेचैनी देखकर सुमन ने कहा, "तू आज पार्टी में किसको ढूंढ रही है। मैं कब से नोटिस कर रही हूं। तू मुझे कुछ बेचैन सी नजर आ रही है।"
दीपिका-"तुम लोग भी ना बिना किसी बात के बात बनाते हो।"
की तभी अचानक अमर उसके बिल्कुल करीब आकर रिया के पापा के साथ खड़ा हो गया। अमर को अपने करीब देखकर दीपिका की धड़कनें तेज हो गयी। रिया के पापा ने कहा,"रिया अमर को भी ज्वाइन करो। ये अकेले है। तो मैंने सोचा तुम्हारी कम्पनी इनको पसन्द आएगी।"
क्रमशः