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minni mishra

Tragedy

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minni mishra

Tragedy

वाह रे किसान !

वाह रे किसान !

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धरती से सोना उपजाने के बदले आधुनिक किसान पराली जलाने में आज मगन हैं । खेत रो रहा है


आसमान स्याह दिख रहे हैं, लेकिन किसान को कोई परवाह नहीं है । वो मगन हो गा रहा है, 


" हम पराली जलाये, जलाये देश की धरती ।" 

सुनकर धरती फटी जा रही है। मिट्टी प्राण त्याग रहा है।


परंतु किसान बेखबर अपनी आधुनिक तकनिकी पर ठहाका लगा रहा है।


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