उसने कहा था
उसने कहा था
मैंने उससे पूछा कि "गले मिलोगी क्या? अब शायद लम्बे वक़्त तक मुलाक़ात नहीं होगी।"
उसने मुस्कुराते हुए इनकार कर दिया! दिल भर आया आँख से एक आंसू छलक गया। अरमान सारे कतरा कतरा हो उस अश्रु-धारा में विलीन हो गए। अचानक ही पीछे से एक आवाज़ आयी "सुनो, बुरा लगा क्या??"
मैंने मुंडी हाँ की ओर हिलाने का सोचा ही था कि दोबारा एक आवाज़ आयी जो मन को हर के ले गयी.
उसने धीमे स्वर में बस इतना ही कहा था :
"कुछ रहना भी चाहिए दोबारा मुलाक़ात करने के लिए ".

