मुलाक़ात मुलाक़ात
विराज..विराज..कहाँ खो गए सुन रहे हो या नहीं कुछ कहो। विराज-------- !! विराज..विराज..कहाँ खो गए सुन रहे हो या नहीं कुछ कहो। विराज-------- !!
जो मज़ा सबको घर बुलाकर खुशी देने में है उसकी बात ही कुछ और है। जो मज़ा सबको घर बुलाकर खुशी देने में है उसकी बात ही कुछ और है।
दिल जरूर उस समय जरूरत से ज्यादा ही धड़का था शायद मेरे साथ-साथ उसका भी। दिल जरूर उस समय जरूरत से ज्यादा ही धड़का था शायद मेरे साथ-साथ उसका भी।
कुछ बातें अविश्वसनीय होती है , पर जिनके साथ ये घटती है वही इसे महसूस करते हैं। कुछ बातें अविश्वसनीय होती है , पर जिनके साथ ये घटती है वही इसे महसूस करते हैं।
मुझे तन्वी की लाइफ में एक नहीं तीन-तीन अलहदा शख्शियत के लोग दिख रहे थे। मुझे तन्वी की लाइफ में एक नहीं तीन-तीन अलहदा शख्शियत के लोग दिख रहे थे।