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Shailaja Bhattad

Abstract

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Shailaja Bhattad

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उपकार// निष्पाप मदद

उपकार// निष्पाप मदद

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"आइए हाथ दीजिए माँझी मैं आपको सड़क पार करवा देती हूँ।" स्नेहा स्कूटी से कहीं से आ रही थी। जब उसने एक बुजुर्ग महिला को सड़क के दूसरी ओर जाने में संघर्ष करते पाया तो, स्कूटी को सड़क के किनारे पार्क कर, उन बुजुर्ग महिला की मदद के लिए तुरंत ही आ गई। जैसे ही माँझी को सड़क पार करवाई और वापस स्कूटी की ओर आने के लिए मुड़ी तो देखा ट्रैफिक पुलिस स्नेहा की स्कूटी लेकर जा रही थी। वह दौड़ी ताकि अपना पक्ष रख सके, लेकिन तब तक    गाड़ी पास के ट्रैफिक पुलिस स्टेशन के लिए निकल चुकी थी।

स्नेहा ने तुरंत ही ऑटो किया और पुलिस स्टेशन पहुँचकर अपना स्पष्टीकरण दिया।

"तुम्हारे द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण की सत्यता की जाँच के बाद ही निर्णय लिया जाएगा कि तुम्हे पेनाल्टी देनी होगी या नहीं।" कहकर ट्रैफिक पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे में देखा।

"जी सर।"

"बहुत अच्छा! मेडम की गाड़ी लौटा दो।"

फिर स्नेहा से मुखातिब होकर कहा- "ऐसे ही लोगों की  मदद करते रहिए। बस एक सावधानी रखना, अगली बार से गाड़ी को ध्यान से पार्किंग में ही लगाना।"

"आपके द्वारा की गई सराहना व प्रोत्साहन के लिए       बहुत-बहुत धन्यवाद सर। आगे से आपको शिकायत का मौका नहीं मिलेगा।"


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