Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
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Gita Parihar

Abstract

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Gita Parihar

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उपेक्षा

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छियासी वर्ष के ये बुजुर्ग केएन कृष्णा भट्ट

सन १९८६ से कर्नाटक की हम्पी की गुफाओं में वीरान पड़े इस ९ फुट ऊंचे वडवी शिवलिंग की पूजा कर रहे हैं।इस आयु में भी सफाई का काम भी स्वयं करते हैं, यद्यपि शरीर जर्जर हो चुका है। !

इन्हें वर्ष में दो बार कुछ मदद मिल जाती है।वर्ष में केवल दो बार !!।

सरकार से या हिंदुओं से,इसकी जानकारी नहीं है।

यह मंदिर.. इसे विडंबना नहीं तो और क्या कहेंगे कि इसमें रहने वाले संहार के देवता महाकाल और यह मंदिर दोनों ४५० वर्ष तक सूने, वीरान थे।कोई साफ सफाई करने वाला भी नहीं था।

बहमनी के सुल्तानों की हुकूमत ने जब विजयनगर को तहस नहस कर डाला, तब हम्पी को भी नहीं बख्शा। मन्दिर की छत तोड़ दी गई किन्तु शिवलिंग को नहीं तोड़ पाए।

दिल्ली की सरकार इमामों को प्रति महीने ३६ हजार तनख्वाह देती है और दूसरी ओर है यह। विश्व धरोहर जिसे संभालने वाला कोई नहीं सिवाय छियासी वर्षीय बुजुर्ग के. एन. कृष्ण भट्ट जी के ,वह भी अकेले!

क्या कर्नाटक सरकार सुध लेनी चाहिए अथवा नहीं, पूछने योग्य प्रश्न है।


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