उम्र कैद
उम्र कैद
वो कभी कोई केस नहीं हारा, काफी नामी वकील था वो। शहर के नामी नेता के उस बेटे को बाइज़्ज़त बरी करवा दिया था जिस पर रेप का आरोप था।
अपनी जीत के सुरूर में चहकता घर पहुँचा, उसकी इकलौती बिटिया आज बरसों बाद घर आ रही थी।
बिटिया नहीं मिली, उसका खत मिला,
"आपसे मिलने के बाद बहुत कुछ करने का इरादा था पापा, पर यहाँ आ कर महसूस हुआ ये एक बेटी के पिता का घर तो नहीं है, ये तो एक वकील का घर है, जिसके लिए पैसा सबको कुछ है, जा रही हूँ, ढूँढने की कोशिश मत करना।
आपकी बेटी
शगुन।"
खत विश्वास के हाथों में फड़फड़ा रहा था।
नेता जी का बेटा आज़ाद था, पर विश्वास को उम्र कैद मिल गयी...।