उम्मीद का वर्ष २०२१
उम्मीद का वर्ष २०२१
अनजान 2021,
तुमसे अब तक परिचय नहीं हुआ है, इसलिए किसी भी प्रकार का संबोधन करने में असक्षम हूं। तुम्हे जानने, देखने और समझने की काफी उत्सुकता है। 2021 तुम्हें फिलहाल तुम्हारे नाम से ही संबोधित कर रही हूं। 2021 सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि, पूरे विश्व को तुमसे काफी आशा है। तुम जानते होगे कि, तुमसे मिलने की जल्दबाजी सबको क्यों है? और अगर नहीं जानते हो, तो बता देती हूं। तुमसे आस लगाने का सबसे बड़ा कारण है कोविड की आनेवाली वैक्सीन। पुरी दुनिया बेबस हो चुकी है और लोगों की जिंदगियां बर्बाद हो चुकी है।कोरोना वायरस के बारे में तुमने सुना तो होगा न? तुमसे सबको एक ही उम्मीद है, तुम हम सबकी उम्मीद पर खरे उतरोगे या फिर नहीं, ये तो तुम्हारे आने के बाद ही पता चल पाएगा।
खैर, तुम अपना ध्यान रखो, और जल्द से जल्द हमारे बीच आ जाओ। कोरोना की बीमारी २०२० में आई , जिंदगियां अस्त व्यस्त हो गई, कई लाख लोग मारे गए, लोग दाने - दाने को मोहताज हो गये, देश की अर्थव्यवस्था गड्ढे से खाई में चली गई, अस्पतालों की चरमराती व्यवस्था सामने आ गई, लोग लकडाउन के कारण बेरोजगारी का शिकार हो गए, हमारे आसपास के लोग भी पराए हो गए, कई लाख बच्चों की पढ़ाई प्राय: छूट गई। इन सब बुरी चीजों के बावजूद 2020 से कई तरह की कीमती बातें सीखने और समझने को मिली। हमें पता चला कि बचत की क्या आवश्यकता होती है, रोटी की क्या कीमत होती है, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की क्या महत्ता है, नेताओं के भाषणों में खोना नहीं बल्कि अपने लिए कैसी सुविधाएं मांगनी है इस बात को खुले दिमाग से सोचना । किसी की भी गलत नीति और नियम को किस प्रकार पूरा देश भूगतता है और हां, दिया जलाने और थाली बजाने से कोरोना नहीं जाता।
2021, जानते हो संभावनाएं प्रत्येक मनुष्य में होती हैं परंतु मनुष्य उन संभावनाओं को ग़लत स्थान पर ढूंढता है, कभी कैलेंडर में तो कभी परिवार तो कभी समाज में, लेकिन उसकी समस्या का समाधान कोई नहीं कर पाता।
2021 तुम्हें मैं उम्मीद का वर्ष नाम देती हूं। तुमसे आरज़ू है हर एक मनुष्य को, चाहे वो किसी भी उम्र, धर्म, जाति या वर्ण का हो। तुम सबके लिए उम्मीद हो, उन परिवारों का जिन्हें रोजगार चाहिए, उन बच्चों का जिन्हें वापस स्कूल जाना है, उन व्यवसायियों का जिन्हें एक नई शुरुआत की आशा है। उन सभी मनुष्यों के लिए 2021 तुम एक नई उम्मीद हो जिन्हें इस मास्क रूपि जेल से मुक्ति चाहिए, जिन्हें फिर से खुली हवा में सांस लेना है।
आपकी शुभचिंतक