तुम्हारी आकांक्षा

तुम्हारी आकांक्षा

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मेरी डायरी के पन्ने का हिस्सा - 'इंतज़ार'

तुम जब भी रूठने की कोशिश करते हो मैं तुम्हे आवाज़ देती हूँ,

"राजीव सुनो !"

मैं जब भी उससे ऐसे बोलती हूँ तो, वो पलटकर मुस्कुरा देता है जैसे पागल हूँ मैं यही बोलना चाहता हो मुझसे !

अक्सर सबकी नज़रों से बचकर बहुत देर तक तुम्हे देखना चाहती हूँ मैं।

मगर कमबख्त जमाना और मेरे घरवाले मुझे ताकते हुए देख न ले तो बस इसलिये नज़रे छुपा लेती हूँ।

सब कहते कि दूरियां प्यार को कम कर देती है मगर हमे मिले तो 2 साल 3 महीने हो गए मगर प्यार जस का तस है, बल्कि अब तो तुम्हारे साथ ही ये दिन शुरु होता है और तुमसे बात करने के बाद रात, भले ही हमारे बीच कितनी भी दूरियां हो मगर हर पल तुम मेरे साथ ही होते हो,तुमसे बाते करना ,रूठना,मनाना सब बहुत अच्छा लगता है। कितने सारे सपने देखती हूँ ।तुम्हारे साथ जीना चाहती हूँ।

और वो सारे हक जो एक पति अपनी पत्नी को देता है।वो सब पाना चाहती हूँ। मगर कभी कभी डर लगता है कि पता नही ये इच्छाएं और सपने पूरे होंगे भी या नही।

मगर मुझे पता मेरा भगवान मेरे साथ है।तुम्हारी सारी आदतों से वाकिफ हो गयी हूँ मैं,तुम कब रूठोगे,तुम्हे कैसे मनाना है सब जानती हूँ। तुम्हारी हर एक आदत से प्यार है मुझे ।

बस तुम गुस्सा बहुत करते हो और मुझे तुम बहुत पसंद हो मगर कभी ये मत सोचना कि तुम्हे भूल जाऊँगी वो कभी नही होगा।

तुम जब प्यार से 'हम्म' बोलते हो न तो न जाने क्यूँ तुम्हारी आवाज़ में खुद के लिए बेइंतहा मोहब्बत देखती हूँ।

हाँ मुझे तुमसे प्यार है बहुत !

मुझे घुटन - सी होती है कि कहीं तुम्हारे आने तक ये सांसे थम न जाये।

ये चांद की रोशनी और टिमटिमाते तारे गवाह है मेरी सिसकियों के।

पता है दिल तुमसे कभी खफा नही होगा और तुम 

बिजी होते हो फिर भी मेरे लिए अपना कीमती वक़्त निकालते हो।

तुमने बोला था एक रोज़ कि तुम मुझसे प्यार नही करते ?

सच ही तो बोला था क्योंकि तुम तो चाहते हो मुझे।

मुझे कहीं दूर ले चलो जहां सिर्फ 'राज की उपासना हो'

और ये तारे भी ये चाँद भी जब भी ये साथ होंगे प्यार और भी गहरा होता जायेगा,

बस जल्दी आ जाओ मैं एक प्यासी नदी - सी हूँ,

और तुम प्यार का सागर हो !

पता है दिल घबरा जाता है, एक रोज़ जब एक बुरा ख्वाब देखा था,

तुम्हारी आगोश में एक अनजान अक्स दिखा,

उस रात घंटो रोई थी।

मगर फिर दिल की धड़कनों में एहसास हुआ कि तुम पास हो मेरे,तुम विश्वास हो तुम वो नही जो मुझे और दिल को टूटने दोगे, तुम वो हो ही नही जो मुझे रोने दोगे।

मेरे एक आंसू गिरने से जब तुम्हे दर्द होता है, तो भला मुझे क्यूँ रुलाओगे तुम ?

मुझे उस रात का इंतज़ार है जब हल्की - सी ठंडी हवा का झोंका और तुम्हारी आगोश में छुपी होगी एक पागल सी लड़की !

कब खत्म होगा ये ' इंतज़ार'...?


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