तुम्हारी आकांक्षा ! तुम्हारी आकांक्षा !
तुमने कभी सोचा है इन बातों के बारे में ? तुम इस डायरी में ज्यादा नजदीक रहते हो. यहाँ झगड़ते भी नहीं. ... तुमने कभी सोचा है इन बातों के बारे में ? तुम इस डायरी में ज्यादा नजदीक रहते हो. ...
एक ऐसी कहानी जो आप को भावनाओं के कई सुरंगो से गुजारती हुई , आप को अचानक ऐसे आसमान के नीचे लाकर खड़ा क... एक ऐसी कहानी जो आप को भावनाओं के कई सुरंगो से गुजारती हुई , आप को अचानक ऐसे आसमा...
उन्हीं ख्यालों और स्मृतियों के मिले-जुले रंगों को शायद थोड़ा और समझती हुई। उन्हीं ख्यालों और स्मृतियों के मिले-जुले रंगों को शायद थोड़ा और समझती हुई।
मैं छह बजे उठी और कोई आश्चर्य नहीं, यह मेरा जन्मदिन था। मैं छह बजे उठी और कोई आश्चर्य नहीं, यह मेरा जन्मदिन था।