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Nandita Srivastava

Tragedy

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Nandita Srivastava

Tragedy

तलाकशुदा

तलाकशुदा

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तलाकशुदा होना आज के समाज में भी एक बुरा टैग है आप को जानकार हैरानी होगी कि हम से समाज में पूछा जाता है कि आप कचहरी तक काहे पहुँच गयी काहे नहीं समझौता करती है अरे जो भी हो आपका पति है,हम हैरानी से लोगो को मुँह देखते है और मन ही मन सोचते है कि हमने इतना बडा फैसला लिया होगा तो किन हालातो में यह हमारा जीवन है हम जैसे चाहे जिये,पर सबका जबाब तो दिया नही जा सकता है बस खामोश रहती हूँ और हैरानी तो तब और बड जाती है ,जब युवा लोग इस तरह की बातें करते है कि तलाक तो फैशन हो गया है तब लगता है कि हम किस आदिम युग में जी रहे है कि औरत की आजादी हजम नही हो रही है .यह तो सही बात है कि तलाक जब होता तो दोनों को ही कहीं ना कही तकलीफ होती पर सीधी सी बात है कि कोई चीज तनाव या घुटन महसूस कराने लगे तो अलग होना जाना ही बेहतर राह है यह हमारी सोच है यह भी हमारे जीवन की बहुत ही खास घटना है चलिये बस यहीं तक कल किसी और किरदार पर बात होगी.


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