Varsha Sharma

Romance

3  

Varsha Sharma

Romance

तेरा प्यार है कितना प्यारा

तेरा प्यार है कितना प्यारा

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प्रेम बड़ा सुंदर रिश्ता है लेकिन अगर थोड़ी पढ़ी लिखी होती तो शायद हां हो जाती???? और अगर पहले क्लेश ना हुआ होता तो दबी जबान में सभी रिश्तेदार बात कर रहे थे।

लड़का क्योंकि पढ़ा लिखा है। बस यही चिंता सभी घरवालों को सता रही थी कि कहां इतनी बड़ी कंपनी में काम करने वाला और शहर में रहने वाला बादल। और कहां गांव में रहने वाली बरखा,


कहने को तो संयुक्त परिवार था लेकिन सभी बरखा की सुंदरता से जलते रहते थे। और चाह रहे थे कि यह रिश्ता न होकर ना हो जाए। यही सोच कर कुछ रिश्तेदारों ने गुपचुप तरीके से बादल के परिवार को आने से रोकना भी चाहा और राहुल जो एक तरफा प्यार करता था उसके केस के बारे में भी बताया हां उन्होंने यह छुपाया कि उसका एक तरफा प्यार था । उन्होंने बताया कि एक तो कम पढ़ी-लिखी और ऊपर से उसका तो कोई चक्कर भी है

 ....बरखा सुंदर भी थी और घर के हर काम में निपुण भी थी। हां लेकिन घर की परिस्थितियों के चलते हुए अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाई। पांच भाई बहनों का परिवार था। बरखा की पढ़ाई छूट गई आज जब बादल उसे देखने आया तो बस देखते ही रह गया। 

इतनी सादगी शालीनता से भरपूर लड़की उसने अपने जीवन में नहीं देखी थी। बरखा ने स्वयं ही दिनेश के बारे में भी बताया कि एक लड़का उसके पीछे पड़ा हुआ था । लेकिन उसने कोई महत्व नहीं दिया तो वह उसे कभी-कभी तंग करने लगा फिर उसको पुलिस में पकड़वा दिया था ।

मां बाप ने भी जब पढ़ाई की बात पूछी तो बरखा के परिवार वालों ने कुछ नहीं छुपाया सही बता दिया कि इतना पढ़ी लिखी है ।अब तो उसके माता-पिता ही रिश्ते के लिए आनाकानी करने लगे क्योंकि लड़का उच्च पद पर था। और अच्छी पढ़ाई लिखाई थी। लेकिन बादल को तो जैसे पहली नजर में ही बरखा से प्यार हो गया। आंखों ही आंखों में उसने उसे पसंद कर लिया और अपने मम्मी पापा को भी कह दिया कि अब मैं बार-बार लड़कियां नहीं देखूंगा ।यह कोई तरकारी भाजी नहीं है कि पसंद आए तो ले नहीं तो नहीं ।आप सब बरखा से पूछ लो मुझे बरखा पसंद है। फिर दोनों को अकेले में बात करने का मौका दिया तो बरखा कुछ नहीं बोल रही थी ।तभी बादल ने कहा, " क्या मैं आपको पसंद नहीं आया क्या आप दिनेश से प्यार करते हैं?" बरखा "नहीं ..." बादल की तरफ देखा बादल ने उसकी आंखों में प्यार आंखों देख लिया और महसूस किया । "आप में और मुझ में फर्क है ....इतना कहा कि मैं ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हूं आठवीं तक. ... बस"

" कोई बात नहीं लेकिन तुम मुझे यह बताओ कि लोग तो प्यार में चांद तोड़ कर लाते हैं क्या तुम मेरे लिए आगे पढ़ पाओ गी?" बरखा को तो ऐसी मनचाही मुराद मिल गई । पढ़ने में तो बहुत होशियार थी लेकिन परिस्थिति के चलते पढ़ नहीं पा रही थी । अब बरखा को ऐसे लगा जैसे बादल उसके जीवन में शिक्षा की बौछार कर ने जा रहा है। "क्या तुम मुझे अपने जीवनसाथी के रूप में पसंद करोगी.??... " बरखा ने कुछ नही कहा और नीचे देखने लगी... तभी बादल ने कहा, "इसका मतलब मैं तुम्हें पसंद नहीं,"... ",नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है मैं तो आपको देखते ही....,"इतना कहकर बरखा शरमा गई और वहां से चली गई।

दिनेश को जब पता चला तो वह बादल से मिलने और बात करने पहुंचा और बरखा के बारे में उल्टी सीधी बातें बोलने लगा लेकिन बादल ने उसे यह कहकर लौटा दिया कि पहले जो कुछ हुआ वह मैं सुनना ही नहीं चाहता। आज के बाद से बरखा मेरी है और उसे अगर तुमने परेशान किया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा?? तुम प्यार नहीं करते उससे अगर प्यार करते हो तो मैं तुम्हें मिलवा देता लेकिन तुम तो.... 

 याद रखो प्यारा विश्वास समर्पण चाहते हैं जो तुम मे नहीं है । तुम जैसे सरफिरे लड़कों के चक्कर में लड़कियों की जिंदगी बर्बाद हो जाती है कभी किसी को प्यार दे कर देखो, जिंदगी बहुत हसीन हो जाएगी।


इकलोता बेटा था मां बाप भी कब तक आनाकानी करते मान गए और बरखा के लिए हां कर दी। आज से 10 साल पहले मोबाइल होना भी एक स्टेटस की निशानी थी। बादल ने अपना मोबाइल नंबर दिया और कहा कि इस पर कॉल करना।और आज इतने साल बाद बादल की तपस्या रंग लाई 


तभी मोबाइल की घंटी बजी और बरखा जैसे ख्वाब से जगी हो उस दिन को अपनी जिंदगी में मील का पत्थर मान रही थी। एकदम से बैठे-बैठे अतीत में चली गई थी। यह बादल का फोन था । दरवाजे पर खड़ा उसका इंतजार कर रहा था । दरवाजा खुला बादल ने कहा मैडम ड्राइवर तैयार है "तुम्हारे अफसर बनने पर मुझे भी उतना ही गर्व है।, "आज तो मेरी बॉस बनकर आ गई हो.... .. मेरे साथ चलने मे तुम्हें शर्म तो नहीं आएगी । मैं तो तुम्हारा जूनियर हूं मेम साहब.. .. क्या आप भी ??एक बच्ची के पिता हैं लेकिन अभी भी मजाक करते हो ।यह सब आप ही की बदौलत है प्रेम करना तो कोई आपसे सीखे आप तो एक जोहरी हो। आपने प्रेम नहीं तपस्या की है ।अरे !!!मैं "कुछ नहीं हूं तुम एक हीरा थी बस तुम्हें थोड़ा तराशना था.. ..

आज तुम्हारा सम्मान समारोह है मुझे बहुत गर्व हो रहा है" और बरखा चल दी। तैयार होने और गुनगुनाने लगी तेरा प्यार है इतना प्यारा कम लगता है जीवन सारा तेरे मिलन की लगन में हमें आना पड़ेगा।



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