Varsha Sharma

Inspirational

4  

Varsha Sharma

Inspirational

मै बनूँगी यशोदा

मै बनूँगी यशोदा

5 mins
364



,"अभी क्या जरूरत है ? ?? पहले तो देर करते हैं और फिर बाद में दर-दर डॉक्टरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं यह आजकल के बच्चे कुछ नहीं समझते पुराने लोग सही कहते थे ,शादी के एक साल बाद ही बच्चा हो जाए तो सही है नहीं तो मौज मस्ती की आदत ही पड़ जाती है मुझे तो यही लग रहा है कि मौज मस्ती की आदत ही पड़ गई है तभी तो मां बनने को तैयार ही नहीं है कोई कमी तो नहीं है शरीर में ??महीना भी आता है तो ऐसी क्या दिक्कत है कि मां नहीं बन पाएगी?

पर माँ डाक्टरों ने कहा है कि 100 में से 2 ऐसे केस होते हैं इसको थायराइड की प्रॉब्लम है और थायराइड में किसी किसी केस में ऐसा हो जाता है |


हमारी किस्मत खराब थी जो ऐसी बहू मिलीवह देखो , " कल्पना को तुम्हारे साथ ही शादी हुई थी और अब दूसरे बच्चे की मां बनने वाली है, "

तुम्हारी शादी को 4 साल हो गए और अब तक तुम्हारे नाटक ही खत्म नहीं हो रहे. ..

,"मैं आपसे बात करने आया था आप सुनने को ही तैयार नहीं हो आपसे तो बात करना ही बेकार है, "और उठ कर चला जाता है सुमित

पीछे से मां बोलने लगती है" यह अच्छा गुस्सा है मां-बाप की सुन नहीं रहे अब बस बुढ़ापे में इनकी सुनते रहो या इनकी महारानी जो कहे वही सुनो, "

प्रिया जो इतनी देर से मां बेटे की बातचीत सुन रही थी आंखों में आंसू भर आए वह भी तो चाहती है मां बनना सब कुछ सही है लेकिन उसकी बीमारी के चलते ही वह मां नहीं बन पा रही लेकिन डॉक्टरों ने मना भी नहीं किया है एक उम्मीद तो वह भी रखते हैं और उनके चमत्कार का इंतजार है कि कुछ चमत्कार होगा लेकिन हर एक दिन कोई ना कोई ऐसी बात हो जाती है कि उसे अपने होने के अहसास पर ही बुरा लगने लगता है |सासू मां की बातें सुनकर जाकर कमरे में रोने लगी |

पहले तो बाहर के लोग ही बोलते थे सासू मां पढ़ी-लिखी है समझती थी लेकिन अब 4 साल हुए तो अब वह भी इस तरह से व्यवहार करने लगी कि प्रिया अंदर तक टूट कर रह जाती है| मैं तो बच्चों से बहुत प्यार करती थी अपनी बहन के बच्चों को उसने कितने प्यार से पाला था| और ननद के बच्चों को भी तो इतना प्यार करती है | कल्पना जो उनके रिश्ते में ननंद लगती थी ,उसकी शादी सुमित के साथ ही हुई थी और वह दो बच्चों की मां बन चुकी है और मेरी परेशानी थी जो सासू मां को दुखी कर रही थी|

अभी सुमित कमरे में आया उसे रोता देखकर सुमित को बहुत बुरा लगाप्रिया बोली ,"सुमित ऐसा करो तुम दूसरी शादी कर लो ,"सुमित ने उसे प्यार से उठाया और बोला कि ,"मैंने तुमसे शादी की है और तुमसे ही प्यार किया है शादी कोई कपड़ा नहीं कि अच्छा नहीं लगा तो दूसरा पहन लो अभी तो बाहर मम्मी ने दिमाग खराब किया इसलिए मैं गुस्से में था, और अब तुमऐसे रहोगी तो ऐसे कैसे चलेगा?घर में हंसना खिलखिलाना कहीं नजर नहीं आता है एक तो बाहर बहुत बुरा माहौल है और आज के जमाने में मां पिता बने भी तो कैसे संभालेंगे?और भगवान जो करता है अच्छे के लिए ही करता है|

अभी कोरोना का समय चल रहा है | मैं मां से बच्चा गोद लेने की बात कर रहा था ,"प्रिया सुमित को हैरानी से देखने लगी !!!!लेकिन

"लेकिन क्या??"

,"प्रिया तुम एक बहुत अच्छी मां बनोगी मुझे पता है तुम्हें बच्चों से बहुत प्यार है, "

"हां पर माजी तो नहीं मानेंगे! "

"मान जाएंगे जब समय सही होगा अभी वैसे ही वक्त खराब है लेकिन पहले तुम हंसो क्योंकि हंसती मुस्कुराती ही तुम अच्छी लगती हो |"

अब जाकर प्रिया किचन में खाना बनाने लगी तो बाहर से सासु मां के रोने की आवाज सुनाई दी प्रिया ने सोचा फिर सुमित की और उनकी कोई बहस हो गई है तो वह दौड़ कर गई, उधर से सुमित भी आया, ससुर जी भी आ गए सासू मां फोन पर बात करते-करते रो रही थी बाद में पूछने पर बताया कि ,"कल्पना गर्भवती थी और आठवें महीने में ही उसकी तबीयत खराब हो गई कहीं हॉस्पिटल में जगह नहीं मिली और बच्चा अपने समय से पहले हो गया बच्चा तो स्वस्थ है लेकिन कल्पना को अपनी जान गवानी पड़ी और दोनों बच्चे कैसे रहेंगे? मां के बिना कौन प्यार देगा ? प्रिया अभी सासू मां को चुप करा रही थी| दोनों बच्चों का सोच कर सासु मां का कलेजा फट रहा था बहुत परेशान थी लेकिन किसी तरह उनको चुप कराया और प्रिया बोली, "माजी मैं बनूंगी यशोदा आप बच्चे को घर लाने की तैयारी करें, "अपनी बहन की बेटी के बच्चे के बारे में ऐसा सुनकर सासू मां खुश हो गई बोली "मेरी तो बहन भी नहीं है,धन्यवाद बहु जो तूने इतना बड़ा निर्णय लिया , "

नहीं "मां धन्यवाद आपको कि आप बच्चे को गोद लेने के लिए मान गई मुझे तो मां बनने की बहुत इच्छा है लेकिन भगवान ने मेरी नहीं सुनी , शायद भगवान की यही मर्जी थी कि मैं यशोदा बनूँ, अब प्यारी सी बिटिया को लाने के लिए सब उत्सुक हो गए ,


सास ससुर दोनों ने सुमित और प्रिया को आशीर्वाद दिया और एक छोटी सी गुड़िया को लाने की तैयारी करने के लिए निकल गए.....।


आज समय बहुत बुरा चल रहा है सभी बच्चों को मां-बाप की चिंता है और मां-बाप को अपने बच्चों की लेकिन जो अभी अनाथ हुए हैं उन्हें संभालने के लिए एक बहुत बड़ा कदम प्रिया ने उठा लिया है|बच्चे भगवान का रूप होता है उसे नहीं पता कि यशोदा कौन है और देवकी कौन है तो क्यों हमें बच्चे को सौतेली  मां बताना, "मां तो मां है और बच्चे के लिए पूरा जहान है, "


यह एक नई शुरुआत है जो समाज में बदलाव लाएगी अगर मेरी कहानी पसंद आई है तो मुझे लाइक कमेंट फॉलो करें मेरी अन्य कहानियां भी पढ़ें🙏



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational